50 टीबी मरीजों को विभिन्न संस्थाओं ने लिया गोद
टीबी मरीजों को पोषण के लिए एक हज़ार रूपये भेजने की प्रक्रिया जारी

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। टीबी मरीजों को पोषण के लिए एक हज़ार रूपये सीधा खाते में दिए जा रहें हैं। मंगलवार को राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान तथा स्वयंसेवी संस्था क्यूबरूट फाउंडेशन के सहयोग से टीबी रोगियों को गोद लेने का कार्यक्रम आयोजित हुआ।
कार्यक्रम में एसजीपीजीआईएमएस में एनटीईपी, लखनऊ इकाई की नोडल और वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पियाली भट्टाचार्य तथा सीएचसी मोहनलालगंज में अधीक्षक डॉ. अशोक कुमार की अध्यक्षता में किया गया। वहीं
डॉ. पियाली ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि टीबी रोगियों के इलाज में नियमित दवाओं के सेवन के साथ प्रोटीनयुक्त पौष्टिक खाद्य पदार्थों के सेवन का भी विशेष महत्व होता है। व्यक्तिगत रूप से शैक्षिक, औद्योगिक तथा अन्य संस्थाओं द्वारा टीबी रोगियों को गोद लिया जा रहा है।यह बहुत ही सार्थक पहल है।
टीबी रोगी इस बीमारी से अकेले नहीं लड़ रहे हैं समाज और सरकार दोनों ही उनके साथ हैं। इसी क्रम में सरकार द्वारा निक्षय पोषण योजना चलाई जा रही है। जिसके तहत टीबी मरीजों को पोषण के लिए इलाज के दौरान 1000 रूपये की धनराशी उनके खाते में भेजी जाती है।
कार्यक्रम के बारे में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एके सिंघल ने बताया कि संस्था कुल 50 टीबी रोगियों को गोद लिया गया। जिसमें एसजीपीजीआई के 15 तथा सीएचसी मोहनलालगंज के 35 टीबी रोगी हैं। संस्था नेशनल अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया की सीएसआर संस्था है। इस सभी 50 रोगियों को पोषण किट भी वितरित की गयी। जिसमें भुना चना, मूंगफली के दाना, अरहर दाल चना दाल मसूर दाल, सरसों का तेल, सत्तू, गेहूं आटा आदि था।
वर्तमान में जनपद में टीबी के 14,508 रोगी हैं। कुल 1205 निक्षय मित्रों द्वारा 12,191 मरीजों को गोद लिया गया है। इस मौके पर जिला पीपीएम समन्वयक सौमित्र मिश्रा द्वारा टीबी मरीजों से अपील करते हुए कहा कि वह अपने आसपास किसी को भी टीबी लक्षण वाला व्यक्ति दिखे तो उसको तुरंत अपने पास के अस्पताल या निकटतम सरकारी अस्पताल पर ले जाकर जांच करवाएं तथा टीबी की पुष्टि होने पर उपचार पूरा करने में मदद करें सभी सरकारी स्वास्थ्य केदो पर टीबी की जांच एवं उपचार पूर्णतया निशुल्क है। कार्यक्रम में वरिष्ठ उपचारक पर्यवेक्षक तौसीफ खान द्वारा टीबी के लक्षण उपचार एवं बचाव की विस्तृत जानकारी दी गई।
इस मौके पर वरिष्ठ उपचारक पर्यवेक्षक अश्वनी कुमार एसजीपीजीआई, टीबी स्वास्थ्य परिदर्शक कृष्णा राज, वरिष्ठ टीबी लैब पर्यवेक्षक पंकज द्विवेदी,संस्था के प्रतिनिधि व टीबी मरीज मौजूद रहे।