प्रदेश में मूक बधिर दिव्यांगजनों की जांच को स्थापित होंगी मशीनें
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दी वित्तीय स्वीकृत

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। मूक बधिर दिव्यांगजनों को जांच के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
यूपी के 54 अस्पतालों में मूक बधिर दिव्यांगजनों की जांच के लिए आधुनिक मशीनें स्थापित की जाएगी। इसमें मण्डलीय व जिला चिकित्सालयों में बेरा (ब्रेन स्टीम इवोकेड रिस्पांस ऑडियोमेट्री ) जांच होगी।
शुक्रवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मशीनों को लगाने के लिए 6.77 करोड़ रुपए की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि मशीन लगने से मूक बधिर दिव्यांजनों की जांच आसानी से हो सकेगी। दिव्यांगजनों को एक से दूसरे अस्पताल तक दौड़ भी नहीं लगानी होगी। बेरा जांच शुरू होने से दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने में दिक्कतों भी कम होंगी।
जानें कैसे होती है बेरा जांच..
बेरा जांच से नवजात शिशुओं और बच्चों में सुनने की समस्या का जल्दी पता लगता है। जिससे समय पर इलाज संभव होता है। समय पर इलाज से भाषा व वाणी के विकास में मदद मिलती है।
यह एक सुरक्षित, गैर-आक्रामक परीक्षण है। जो कान और ब्रेनस्टेम की श्रवण क्षमता का आंकलन करता है। इससे बच्चों में सुनने की क्षमता का सटीक मूल्यांकन किया जा सकता है। न्यूरोलॉजिकल विकारों की पहचान में भी मददगार है।



