सतर्कता और साफ-सफाई से डेंगू मौतों में गिरावट दर्ज
डेंगू उपचार प्रबंधन का दिखा असर

कल राष्ट्रीय डेंगू दिवस
लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। सतर्कता और साफ सफाई से डेंगू से होने वाली मौतों में गिरावट देखने को मिल रही है। जहाँ साल 2008 में डेंगू से होने वाली मृत्यु दर 3.9 फीसद थी वहीं साल 2024 में घटकर यह मात्र .06 फीसद रह गयी है। यह जानकारी गुरुवार को
डॉ. विकास सिंघल, संयुक्त निदेशक,मलेरिया ने दी। उन्होंने बताया कि डेंगू रोग के उपचार और प्रबन्धन के लिए भी सुविधाओं में लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है। डेंगू और चिकनगुनिया के लिए एलाइजा जाँच तीन एपेक्स प्रयोगशालाओं सहित सभी 75 जनपदों में 86 एसएसएच प्रयोगशालों में की जाती है। इसके अलावा रक्त से प्लेटलेट्स निकालने वाली 54 इकाइयाँ क्रियाशील हैं।
प्रदेश के सभी मंडलीय,जिले और विकासखंड स्तर के अस्पतालों में सभी उपचार सुविधाएं और मच्छरदानी युक्त डेंगू वार्ड स्थापित किये गए हैं। डेंगू और चिकनगुनिया रोग की एलाइजा जाँच के लिए एनएस 1 और आईजीएम एलाइजा किट उपलब्ध है।
डेंगू की कोई वैक्सीन नहीं है ऐसे में डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सोर्स रिडक्शन गतिविधियों में समुदाय की भूमिका अहम है।
जाने डेंगू नियंत्रण व रोकथाम के बारे में..
डेंगू सहित अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के उपाय के क्रम में साल में तीन बार विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जाता है। अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर माह में जिसके तहत लोगों को वेक्टर जनित बीमारियाँ डेंगू, चिकनगुनिया आदि से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न गतिविधियाँ सम्पादित की जाती हैं। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर मच्छरों के प्रजनन स्त्रोत का पता लगाया जाता है और उन्हें नष्ट किया जाता है।
डेंगू का प्रसार हर साल जुलाई से नवम्बर के महीनों के मध्य मानसून और मानसून के बाद की अवधि में एक बड़ी सार्वजनिक समस्या है। यह एडीज मच्छर द्वारा फैलता है और यह दिन के वक्त काटता है। हर साल लोगों को इस बीमारी से बचाव के प्रति जागरूक करने के लिए 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। इस साल इस दिवस की थीम है। “ देखें, साफ करें, ढकें डेंगू को हराने के उपाय करें।
डेंगू की कोई व वैक्सीन नहीं है ऐसे में डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सोर्स रिडक्शन गतिविधियों में समुदाय की भूमिका महत्वपूर्ण है।
ध्यान देने योग्य बातों में बुखार होने पर बगैर समय बर्बाद किए तुरंत इलाज के लिए निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं। इस बात का हमेशा ध्यान रखें बुखार में देरी- पड़ेगी भारी।
केवल कम प्लेटलेट काउंट ही प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन का संकेत नहीं है, केवल एक योग्य चिकित्सक से परामर्श के बाद ही इसकी आवश्यकता होती है वो भी दुर्लभ मामलों में ।
डेंगू से बचाव के लिए उपाए..
समुदाय को दस्तक अभियान के दौरान आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा बताए गए उपायों का पालन करना चाहिए।
• पूरी बांह के कपड़े पहने।
• सोते समय मच्छर दानी या मच्छररोधी क्रीम का उपयोग करें।
• घर की खिड़की दरवाजों पर जाली लगवाएं।
• घरों और ऑफिस में हर रविवार मच्छरों पर वार के तहत कूलर और जलजमाव वाले स्थानों की सफाई करें |यदि कहीं पानी इकट्ठा है तो उसमें जला हुआ मोबिल ऑयल डाल दें।
• डेंगू की पुष्टि होने पर घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि अधिकांश मामलों में इस बीमारी को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।