कैंसर का समय पर पहचान होने से इलाज संभव -डॉ. आरके चौधरी
खानपान में सुधार व शारीरिक क्रियाशील होना जरुरी

कल है विश्व कैंसर दिवस
लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। कैंसर रोग किसी को भी हो सकता है। इसमें घबराने की आवश्यकता नहीं है। यह बातें सोमवार को बलरामपुर अस्पताल वरिष्ठ परामर्शदाता एवं कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. आरके चौधरी ने विश्व कैंसर दिवस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कही। उन्होंने कहा कि हर साल 4 फरवरी को लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष ‘यूनाईटेड बाई यूनिक’ थीम के तहत मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शरीर में कोशिकाओं के अनियंत्रित तरीके से बढ़ने के कारण कैंसर होता है, भारत में फेफड़ों का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, स्तन कैंसर, मुख का कैंसर और पेट का कैंसर देखने को मिलते हैं। डॉ. चौधरी कहना है कि कैंसर होने का मुख्य कारण बदलती हुयी जीवन शैली, खाने की गलत आदतें, शराब का सेवन, तम्बाकू एवं तम्बाकू उत्पादों का उपयोग और शरीरिक क्रियाशीलता का कम होना। सभी प्रकार के कैंसर में मुख के कैंसर ज्यादा देखने को मिलते है। तम्बाकू से होने वाला कैंसर 40 से 50 फीसद पुरुषों में और 20 फीसद महिलाओं में कैंसर के लिए जिम्मेदार है। तम्बाकू से होने वाला कैंसर पुरुषों में होने वाले सभी कैंसर का 35 से 50 फीसद और महिलाओं में 17 फीसद होता है। सभी प्रकार के कैंसर का इलाज संभव है। कैंसर की समय रहते पहचान हो जाने से इलाज के द्वारा जिंदगी बचायी जा सकती है। इसके लिए जरूरी है कि स्वयं ही अपने शरीर की जाँच करें और कुछ भी असमान्य दिखे तो चिकित्सक परामर्श जरूर लें।
जानें मुख के कैंसर के बारे में..
जो लोग सिगरेट, सिगार, शराब और हुक्का पीते हैं और इसके साथ ही तम्बाकू सूंघने, चबाने वाले लोगों को सामान्य लोगों की अपेक्षा मुख के कैंसर होने की सम्भावना 50 फीसद होती है। इसके अलावा कुल होने वाले मुख के कैंसर में 23 फीसद कैंसर एचपीवी के कारण होता है। ओरल और मल्टीपल सेक्स से बचना चाहिए।
पहचाने मुख के कैंसर को..
कैंसर की शुरुआत मुंह के अंदर छोटे-छोटे घाव से होती है। इसके अलावा मुंह से दुर्गन्ध आना, आवाज में बदलाव होना, निगलने में तकलीफ होना, मुंह में सूजन होना, लार के साथ खून आना, जलन होना, मुंह का पूरा न खुलना, मुंह में किसी स्थान पर सुन्नता होना, मुंह में दर्द होना आदि कैंसर के संकेत हैं। इसके साथ ही मुंह में कहीं भी गाँठ महसूस हो या मुंह के किसी हिस्से में रंग परिवर्तन हो तो देर न करें तुरंत चिकित्सक को दिखाएँ। जाँच में देरी करने से भारी पड़ सकती है।
कैंसर होने के लक्षणों में..
शरीर में तिल या मस्सा हो और वह तेजी से बढ़ने लगे। तीन हफ्ते से ज्यादा खांसी आना जो ठीक न हो। माहवारी के बंद हो जाने के बाद अचानक रक्तस्राव होना, माह में दो बार से अधिक और माहवारी के दौरान अधिक रक्तस्राव होना। मांसाहारी लोगों का मन मांस खाने से हट जाना। मुंह, पेशाब और मलद्वार से खून आना। शरीर के किसी भाग में गांठ का होना और एक ही जगह पर स्थिर होना। ऐसा घाव जो इलाज के बाद ठीक न हो।
ऐसे लोगों में कैंसर होने की सम्भावना अधिक..
कम आयु में यौन सम्बन्ध बनाने से,बहुत अधिक तले,भुने भोजन करने से और नमक लगाकर संरक्षित किये हुए भोजन के सेवन से, और कम प्राकृतिक रेशे वाले भोजन के सेवन से कैंसर हो सकता है।