राष्ट्रीय शराब बंदी महासम्मेलन में कार्यकर्ता और पदाधिकारी हुए एकजुट
देश प्रदेश के पदाधिकारियों ने दिखाई एकता

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। नशा उन्मूलन के देश प्रदेश स्तर के पदाधिकारी एकजुटता दिखाई। गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय मध निषेध दिवस के उपलक्ष्य में शराबबंदी संघर्ष समिति के तत्वाधान में राष्ट्रीय शराबबंदी महासम्मेलन का आयोजन किया गया।
वहीं दीप प्रज्वलित कर उत्तर प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी, पूर्व केंद्र मंत्री भारत सरकार कौशल किशोर, पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार हरपाल सिंह नगर पंचायत देवां बाराबंकी के अध्यक्ष मो हारुन वारसी मुस्लिम स्कॉलर मौलाना सिबते नूरी, बौद्ध भिक्षु, वीररस के राष्ट्रीय कवि वेदव्रत वाजपेई के साथ-साथ सभी अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ और अंग वस्त्र भेंट कर शराबबंदी संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुर्तज़ा अली और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने किया।
जिसमें उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों और देश के 12 राज्यों से नशाबंदी संघर्ष समिति के साथ जुड़कर अपने-अपने राज्य और जिलों में नशाबंदी के लिए कार्य करने वाले कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी बड़ी संख्या में एकजुट हुए राष्ट्रीय शराबबंदी महासम्मेलन में अतिथियों और 12 राज्यों और उत्तर प्रदेश के 75 जिलों से आए हुए कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुर्तज़ा अली ने कहा कि पूरी दुनिया नशीली दवाओं की लत के खतरे का सामना कर रही है।
जिसका असर व्यक्ति परिवार और समाज के एक बड़े हिस्से पर विनाशकारी प्रभाव के रूप में पड़ता है नशा मुक्त जीवन जीने के लिए परिवार और दोस्तों का सहयोग सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा यदि समाज भी इस समस्या के ख़िलाफ एकजुट हो जाए तो नशे पर काबू पाया जा सकता है।
नशा मुक्त समाज केवल स्वस्थ ही नहीं बल्कि सशक्त भी होता है हमें इस दिशा में जागरूकता फैलाने और एकजुट होकर काम करने की ज़रूरत है ताकि नशे को जड़ से ख़त्म किया जा सके।
वही समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने सभी के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि युवाओं और ख़ास करके विद्यार्थियों में नशे की लत बढ़ती जा रही है शराब बंदी संघर्ष समिति इस दिशा में अपना काम कर रही है। स्कूल कॉलेज और संस्थानों में जाकर युवाओं को जागरूक करने का पूरा प्रयास कर रही है। शराब के प्रयोग को सामान्य व्यवहार के रूप में देखने की बजाये इसे हानिकारक आदत के रूप में देखना चाहिए तथा शराब को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगना चाहिए।
इसलिए शराब बंदी संघर्ष ही एक ऐसा माध्यम है,जो व्यक्ति को नशे से मुक्त कर सकता है। महासम्मेलन में होम्योपैथी के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ आदर्श त्रिपाठी एवं वरिष्ठ दंत चिकित्सक डॉ राधेश्याम यादव के सहयोग से हैनीमैन चैरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा एक भव्य नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया।
जिसमें नशे की आदत छुड़ाने के लिए निशुल्क दवा वितरित की गई। राष्ट्रीय शराब बंदी महासम्मेलन में राजस्थान की पूजा भारती छाबड़ा जो शराबबंदी व नशाबंदी आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और नशाबंदी को लेकर राजस्थान में युद्ध स्तर पर काम कर रही हैं।
उत्तराखंड से जेसी उत्प्रेती, मध्य प्रदेश से हरिओम गौतम, केरल से शाहनवाज, उड़ीसा से सुबेन्दर, दिल्ली से बिलाल अहमद, बिहार से वरुण सिंह, पंजाब से कयामुद्दीन सिद्दीकी, झारखंड से मायादेवी, कश्मीर से मुशताक वाला, बिहार से साकेत भारत शामिल हुए सभी राज्यों और जिलों से आए हुए नशाबंदी समिति से जुड़े हुए सभी योद्धाओं को शराबबंदी संघर्ष समिति की ओर से स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। अंत में शराबबंदी संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुर्तुज़ा अली ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।