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एचएमपीवी वायरस से घबराने की जरुरत नहीं – डॉ सूर्यकान्त 

2001 के दौरान नीदरलैंड में मिला था वायरस

 

लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस से घबराने की जरुरत नहीं है। यह चीन की रहस्यमय बीमारी है। यह जानकारी मंगलवार को केजीएमयू रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर सूर्यकांत ने दी। उन्होंने कहा कि ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) संक्रमण के कुछ मामलों ने पूरे देश में दहशत फैला दी है। कोविड-19 महामारी के जख्म अभी भी ताजा हैं, चीन की रहस्यमयी बीमारी एचएमपीवी ने एक बार फिर डर पैदा करना शुरू कर दिया है। डरने या घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि हमें रोकथाम पर ध्यान देने की जरूरत है। डॉ सूर्यकांत ने बीते कोरोना काल को दोहराते हुए कहा कि भारत के प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कोविड-19 प्रकोप को सफलतापूर्वक नियंत्रित किया गया और यहां तक कि दुनिया भर के कई देशों को स्वदेशी टीके भी उपलब्ध कराए गए।चीन से मिली मौजूदा जानकारी के अनुसार, एचएमपीवी संक्रमण के लक्षण ज्यादातर 14 साल से कम उम्र के बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं में देखे जाते हैं। एचएमपीवी एक श्वसन वायरस है, जो कोई नई इकाई नहीं है, जिसे 2001 में नीदरलैंड में खोजा गया था, यह खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में कठिनाई सहित सामान्य सर्दी या कोविड-19 जैसे लक्षण पैदा करता है। गंभीर मामलों में यह ब्रोंकाइटिस या निमोनिया का कारण बन सकता है। एचएमपीवी को लेकर चिंता इसलिए बढ़ गई है क्योंकि अभी तक कोई विशिष्ट टीका या एंटीवायरल दवा विकसित नहीं हुई है। संक्रमित व्यक्तियों का आमतौर पर आराम और बुखार कम करने वाली सामान्य दवाओं से इलाज किया जाता है और लक्षण आमतौर पर 2-5 दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं। गंभीर मामलों में ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता हो सकती है।सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है, लेकिन बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और कमजोर प्रतिरक्षा या पहले से मौजूद गंभीर स्थितियों जैसे फेफड़े, हृदय, किडनी, लीवर की बीमारियों या कैंसर वाले व्यक्ति अधिक जोखिम में हैं।जहां सरकारी संस्थान और अधिकारी ऐसी स्थितियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वहीं नागरिकों की भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है। सोशल मीडिया पर असत्यापित जानकारी से बचें। ऐसे व्यक्तियों की सामग्री का अनुसरण या साझा न करें जो डॉक्टर नहीं हैं लेकिन चिकित्सा सलाह देने का दिखावा करते हैं। यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर से परामर्श लें या स्वास्थ्य संबंधी सहायता के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा दिए गए हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें।

जानें संक्रमण से बचाव के तरीके..

संक्रामक रोग संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने से फैलते हैं। इसलिए, खांसते या छींकते समय हमेशा अपने मुंह को रूमाल से ढकें, मास्क पहनें, भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें, बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोएँ, खुद को हाइड्रेटेड रखें, संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें और लोगों से हाथ मिलाने के बजाय नमस्ते कहकर अभिवादन करें।

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