राजधानी के सरकारी अस्पतालों के जन औषधि केंद्र टेंडर प्रक्रिया में उलझे
मरीजों को खरीदनी पड़ रही बाहर की दवाएं
लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी के सरकारी अस्पतालों में खुले केन्द्र सरकार की जन कल्याणकारी योजना जन औषधि केंद्र टेंडर प्रक्रिया में उलझ गए हैं। जिसमें मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। सूत्रों ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया जब तक पूरी नहीं होगी तब तक जन औषधि केंद्र बंद रहेंगे। बताया जा रहा है कि इस टेंडर के चलते जन औषधि जन औषधि केंद्रों पर दवाऐ भी उपलब्ध नहीं हैं जिससे जन औषधि केंद्र बंद चल रहे हैं। वहीं मेडिकल रिपोर्टर द्वारा की गई पड़ताल में सरकारी अस्पतालों में खुले जन औषधि केन्द्र बंद चल रहे हैं। ऐसे में चिकित्सालय में उपलब्ध दवाओं के भरोसे पर मरीजों को निर्भर रहना पड़ रहा है और जो अस्पताल में दवाएं नहीं मिल पाती उन्हें मरीजों को बाहर से लेना पड़ रहा है। ऐसे में केन्द्र सरकार की जन कल्याणकारी योजना का लाभ मरीजों को कैसे मिल पायेगा। बता दें कि मरीजों को जन औषधि केन्द्र पर करीब 70 से 90 फीसदी छूट पर दवाएं मिलती हैं और जब यह केन्द्र बंद रहेंगे तो मरीजों के परिजनों को निजी मेडिकल स्टोरों की जेब भरने के लिए मजबूर हो जाएंगे हैं। वहीं इसके लिए केन्द्र सरकार द्वारा नामित नोडल एजेंसी को त्वरित टेंडर प्रक्रिया पूरी करनी होगी जिससे मरीजों की जेब पर पड़ते आर्थिक बोझ को कम किया जा सके।