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मोदी सरकार ने नववर्ष के पहले दिन किसानों को दिया तोहफा

कैबिनेट बैठक में किसानों के लिए फसल बीमा योजना की बढ़ाई धनराशि

 

नई दिल्ली। लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों को नए साल के पहले दिन बड़ा तोहफा दिया। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक की गयी। जिसमें किसानों को समर्पित रही। इस बैठक में मोदी सरकार ने देश के किसानों के लिए दो बड़े फैसले लिये। फसल बीमा योजना के आवंटन को बढ़ाकर 69,515 करोड़ रुपये करने को मंजूरी दी गई। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राष्ट्रीय मीडिया सेंटर में आयोजित पत्रकार वार्ता में मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी दी। वैष्णव ने कहा कि इस निर्णय से 2025-26 तक देशभर के किसानों के लिए गैर-रोकथाम योग्य प्राकृतिक आपदाओं से फसलों के जोखिम कवरेज में मदद मिलेगी। इसके अलावा योजना के क्रियान्वयन में बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी के उपयोग से पारदर्शिता और दावों की गणना तथा निपटान में वृद्धि होगी। इसके लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 824.77 करोड़ रुपये की राशि के साथ नवाचार और प्रौद्योगिकी कोष (एफआईएटी) के निर्माण को भी मंजूरी दी है। इस कोष का उपयोग योजना के तहत प्रौद्योगिकी पहलों जैसे यस-टेक, विंड्स आदि के साथ-साथ अनुसंधान और विकास अध्ययनों के वित्तपोषण के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी आधारित उपज अनुमानों के लिए न्यूनतम 30 प्रतिशत भार के साथ रिमोट सेंसिंग प्रौद्योगिकी उपयोग की जाती है। वर्तमान में 9 प्रमुख राज्य इसे लागू कर रहे हैं, जिनमें आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु और कर्नाटक शामिल हैं। अन्य राज्यों को भी तेजी से इसमें शामिल किया जा रहा है। इस प्रौद्योगिकी के व्यापक कार्यान्वयन के साथ फसल कटाई प्रयोग और संबंधित मुद्दे धीरे-धीरे समाप्त हो जाएंगे। वैष्णव ने कहा कि मध्य प्रदेश ने 100 प्रतिशत प्रौद्योगिकी आधारित उपज अनुमान को अपनाया है। मौसम सूचना और नेटवर्क डेटा सिस्टम में ब्लॉक स्तर पर स्वचालित मौसम स्टेशन और पंचायत स्तर पर स्वचालित वर्षा गेज स्थापित करने की परिकल्पना की गई है। नौ प्रमुख राज्य प्रौद्योगिकी आधारित उपज अनुमान को लागू करने की प्रक्रिया में हैं, जिनमें केरल, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी, असम, ओडिशा, कर्नाटक, उत्तराखंड और राजस्थान शामिल हैं। अन्य राज्यों ने भी इसे लागू करने की इच्छा व्यक्त की है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 90:10 के अनुपात में उच्च केंद्रीय निधि साझाकरण के साथ राज्य सरकारों को लाभ देने के लिए पहले 2023-24 की तुलना में 2024-25 को प्रौद्योगिकी आधारित उपज अनुमान के कार्यान्वयन के पहले वर्ष के रूप में अनुमोदित किया है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में किसानों के लिए डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) फर्टिलाइजर के लिए अतिरिक्त सब्सिडी को मंजूरी दी है। कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सरकार ने डीएपी फर्टिलाइजर के लिए 3,850 करोड़ रुपये का एकमुश्त पैकेज दिया है। किसानों को 1,350 रुपये प्रति 50 किलोग्राम की दर से डीएपी उर्वरक मिलता रहेगा। अतिरिक्त लागत सरकार वहन करेगी। उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने किसानों को किफायती कीमतों पर डीएपी की सतत उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक जनवरी 2025 से अगले आदेश तक एनबीएस सब्सिडी से परे डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) पर एकमुश्त विशेष पैकेज के विस्तार को मंजूरी दी। उन्होंने बताया कि भू-राजनीतिक कारणों से डीएपी की वैश्विक बाजार कीमतें अस्थिर हैं लेकिन अतिरिक्त खर्च सरकार वहन करेगी। उन्होंने बताया कि लाल सागर जैसे प्रमुख समुद्री मार्ग संघर्षों के कारण असुरक्षित हैं। मालवाहक जहाजों को भारत में उर्वरक लाने के लिए केप आॅफ गुड होप के रूट का इस्तेमाल करना पड़ता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव का भारत में उर्वरकों की कीमत पर असर पड़ेगा। 2014 से प्रधानमंत्री मोदी ने सुनिश्चित किया है कि किसानों को कोविड और युद्ध संबंधी व्यवधानों के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव का खमियाजा न उठाना पड़े। 2014-24 तक उर्वरक सब्सिडी 11.9 लाख करोड़ थी, जो 2004-14 (5.5 लाख करोड़ रुपये) से दोगुनी है। किसानों को सब्सिडी वाले, किफायती और उचित मूल्य पर डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। किसानों को किफायती मूल्य पर डीएपी उर्वरक की सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए स्वीकृत एनबीएस सब्सिडी के अतिरिक्त एक जनवरी 2025 से अगले आदेश तक डीएपी पर 3,500 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से विशेष पैकेज प्रदान किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि उर्वरक निमार्ताओं/आयातकों के माध्यम से किसानों को रियायती मूल्य पर 28 ग्रेड के पीएंडके उर्वरक उपलब्ध कराए जाते हैं। पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी एक अप्रैल 2010 से एनबीएस योजना द्वारा शासित है। किसानों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, भारत सरकार ने डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) उर्वरक की कीमत को अपरिवर्तित रखते हुए किसानों को बड़ी राहत दी है। भू-राजनीतिक बाधाओं और वैश्विक बाजार स्थितियों की अस्थिरता के बावजूद सरकार ने खरीफ और रबी 2024-25 के लिए किसानों को किफायती मूल्य पर डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित करके किसान हितैषी दृष्टिकोण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखी है।

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