निदेशक यूनानी से मिले चतुर्थ कर्मचारी संघ पदाधिकारी,उठाई मांग
कर्मचारियों की आठ घंटे शिफ्ट लगाने को सौंपा ज्ञापन
लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी के आयुर्वेदिक यूनानी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ ने समस्या गिनाते हुए मांग उठाई। बुधवार को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष विकास प्रजापति ने निदेशक यूनानी प्रो जमाल अख्तर से मुलाक़ात कर कर्मचारियों की समस्याओं को गिनाते हुए ज्ञापन सौंपा। जिसमें संघ की प्रमुख मांगो में समस्याओं का प्रदेश के समस्त जिलों में चतुर्थ श्रेणी को वर्दी नहीं प्रदान की जा रही है। साथ ही प्रांतीय अध्यक्ष ने पत्र जारी करते हुए बताया कि वर्दी भत्ता की पुनरीक्षित दरें लगवाई जाए और राजधानी के आयुर्वेदिक एवं यूनानी औषधि निर्माणशाला के गेट की ड्यूटी एक शिफ्ट में 8घंटे की जाए जो कि एक कर्मचारी से एक ही दिन में तीन एवं पाँच घण्टे जिसमें सुबह 6 से 9 बजे एवं शाम 5 से रात्री 10 बजे तक दो शिफ्ट में करायी जाती है। जिससे कर्मचारी के आने-जाने वाले खर्च पर अधिक भार पड़ता है। साथ ही आग्रह करते हुए कहा कि प्रदेश में समस्त क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी द्वारा कर्मचारी तथा संघ के पदाधिकारियों को अपने अधिकारों को मांगने पर उनकी सम्बद्धता 60 से 100 किलोमीटर तक दूर कर दी जाती है, इससे पूर्व में बिना आग्रह के किये गये सम्बद्धता को समाप्त किया जाए। आयुष ऐप अटेंडेंस तथा अन्य प्रकार के आनलाइन डाटा फीड से कर्मचारियों को मुक्त रखा जाए,कर्मचारी के पास स्मार्ट फोन न होने एवं आनलाइन अटेंडेंस को चलाने की पूर्ण जानकारी न होने से पूर्व में कर्मचारी साइबर क्राइम के शिकार हो रहें हैं।
इसी क्रम में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के बहुत से कार्य जो कि आनलाइन के माध्यम से होते है, उन्हें कार्यालय के माध्यम से कराया जाय।
प्रदेश के समस्त जिलों में विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को जो कि 03 वर्ष से अधिक सेवा करने के उपरान्त भी स्थाई नहीं किया गया है। कर्मचारियों को स्थाई करने के लिए सम्बन्धित विभाग को आदेशित किया जाए और प्रदेश के बहुत से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की एसीपी 10 वर्ष 16 वर्ष एवं 26 वर्ष अद्यावधि तक नहीं लगायी गयी है, जिसे लगवाई जाए। इसके अलावा प्रदेश में कैश लेश की व्यवस्था को पूर्ण रूप से लागू कराया जाए जिससे कर्मचारी इसका लाभ ले सकें। प्रांतीय अध्यक्ष का कहना है कि प्रदेश में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की संख्या घटती जा रही है, जिससे शासकीय कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है। इसके लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के सीधी भर्ती विभागीय संविदा के माध्यम से भरने के लिए कार्रवाई की जाए,जिससे विभाग के कार्यों में व्यवधान उत्पन्न न हो सके ।