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पीजीआई में स्वास्थ्य सेवा गुणवत्ता पर विशेषज्ञों का मंथन 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देने की तैयारी 

पीजीआई में स्वास्थ्य सेवा गुणवत्ता पर विशेषज्ञों का मंथन

 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देने की तैयारी

लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। एसजीपीजीआई एमरजेंसी मेडिसिन विभाग द्वारा स्वास्थ्य सेवा गुणवत्ता सप्ताह पर विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न पहलुओं पर मंथन किया गया। सोमवार को संस्थान के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग एसोसिएट प्रोफेसर डॉ तन्मय घंटा ने बताया कि यह एक दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा गुणवत्ता में नवीनतम प्रथाओं और मानकों के बारे में स्वास्थ्य कर्मियों के बीच ज्ञान, जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए किया गया। उन्होंने बताया कि वेबिनार को टेलीमेडिसिन तकनीक के माध्यम से आयोजित किया गया था, जो देश भर के स्वास्थ्य पेशेवरों को स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता में सुधार पर जुड़ने, सीखने और अंतर्दृष्टि साझा करने के लिए एक मंच प्रदान किया गया। यह पहल भारत में स्वास्थ्य सेवा वितरण की दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ाने के मदद करेगा ।इससे आईएससीसीएम और संस्थान और आपातकालीन चिकित्सा संघ यूपी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। डॉ. तन्मय घटक द्वारा उद्घाटन भाषण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गयी।

उद्घाटन के दौरान डॉ. राधा के प्रिंसिपल कॉलेज ऑफ नर्सिंग, मुख्य अतिथि प्रो. आर हर्षवर्धन, विभागाध्यक्ष अस्पताल प्रशासन, प्रो.आरके सिंह, विभागाध्यक्ष इमरजेंसी मेडिसिन और प्रो. संजय धीरज, सीएमएस मौजूद रहे। वहीं मुख्य अतिथि संस्थान निदेशक प्रो. आरके धीमान द्वारा सम्बोधित किया गया।साथ ही वैज्ञानिक भाग में प्रो.सुरेंद्र वर्मा, बाल चिकित्सा एंडोक्रिनोलॉजिस्ट यूनिवर्सिटी हेल्थ साइंस सेंटर, यूएसए द्वारा प्रख्यात व्याख्यान शामिल होकर चिकित्सा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कार्यान्वयन’ पर गहन चर्चा, प्रो. सुभ्रोज्योति भौमिक, फार्माकोलॉजिस्ट, पीयरलेस हॉस्पिटल, कोलकाता क्लिनिकल ऑडिट’ को संबोधित करते हुए, नैदानिक ​​अनुसंधान और रोगी सुरक्षा में आपके महत्वपूर्ण योगदान से अमूल्य अंतर्दृष्टि साझा करेंगे। डॉ. भास्कर नारायण चौधरी, मुख्य माइक्रोबायोलॉजिस्ट और एनएबीएल के नेतृत्व वाले मूल्यांकनकर्ता एचएआई निगरानी पर बोलेंगे, माइक्रोबायोलॉजी और संक्रमण नियंत्रण की जानकारी देंगे।

प्रो.राजेश हर्षवर्धन चिकित्सा पद्धति के कानूनी पहलू’ को कवर करते हुए आधुनिक चिकित्सा पद्धति की जानकारी का बोध करायेगे। प्रो.परेरा प्रतिभा जेएसएएचईआर मैसूर से जेरियाट्रिक मेडिसिन विशेषज्ञ, जेरियाट्रिक्स में गुणवत्ता देखभाल के दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए पीआरईएम और प्रोम पर प्रस्तुति देंगे।इसी क्रम में राजगोपाल आरजी एमबीए जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट’ पर ध्यान केंद्रित कर टिकाऊ और गुणवत्ता-उन्मुख प्रथाओं पर जोर देंगे। क्लीवलैंड क्लिनिक अबू धाबी के डीएम, इंटेंसिविस्ट प्रो. सुखेन सामंता, जो अस्पताल के प्रदर्शन को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण अध्याय ‘अस्पताल संचालन और दक्षता’ पर एक प्रस्तुति के साथ वैज्ञानिक सत्र का समापन करेंगे। इसी क्रम में आईएससीसीएम लखनऊ के अध्यक्ष और इमरजेंसी मेडिसिन एसोसिएशन, यूपी के सचिव डॉ. तन्मय घटक ने स्वास्थ्य कर्मियों के लिए निरंतर शिक्षा और जागरूकता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि स्वास्थ्य सेवा पेशेवर नवीनतम ज्ञान और कौशल से लैस हों ताकि मरीजों को उच्चतम गुणवत्ता की देखभाल प्रदान की जा सके। यह वेबिनार उस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अस्पताल प्रशासन विभाग के गुणवत्ता प्रकोष्ठ ने स्वास्थ्य सेवा मानकों को बेहतर बनाने के लिए अपने समर्पण को दोहराया, स्वास्थ्य सेवा में गुणवत्ता और उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा देने में ऐसी शैक्षिक पहलों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में हमारे प्रतिभागियों के लिए “सुरक्षित जलसेक चिकित्सा प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया अनुपालन में चुनौतियाँ और समाधान” पर एक वार्ता भी शामिल थी। इस वेबिनार में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। जिसमें पूरे भारत से प्रशासक, डॉक्टर, गुणवत्ता पेशेवर, नर्स, इंजीनियर, मेडिकल छात्र शामिल थे।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में आईएससीसीएम, लखनऊ शाखा के अध्यक्ष डॉ. तन्मय घटक और आपातकालीन चिकित्सा विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर जुईन दत्ता घोष, आयोजन सचिव, एसएनओ, गुणवत्ता प्रकोष्ठ, डॉ. उत्सव आनंद मणि, वैज्ञानिक सचिव और आपातकालीन चिकित्सा विभाग के सहायक प्रोफेसर का योगदान रहा।

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