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उपमुख्यमंत्री ने प्रगितशील किसानों एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों को किया सम्मानित

किसानों को फल-फूल, औषधियों व सब्जियों की खेती करने व बागवानी को करें प्रेरित

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में उद्यान विभाग 50 वर्ष पूरे होने पर राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह द्वारा ध्वजा रोहण के साथ स्वर्णिम दिवस मनाया गया। सोमवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने औद्यानिक खेती करने मे उल्लेखनीय योगदान देने वाले प्रगतिशील किसानों एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित औद्यानिक उन्नयन गोष्ठी में सम्मानित किया।

केशव प्रसाद मौर्य ने बतौर मुख्य अतिथि गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि विकसित भारत बनाने के लिए हम सबको कृषि योग्य एक-एक इंच जमीन का उपयोग करना है। सरकार किसानों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए उनके विकास के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। विकसित भारत की नींव को मजबूत करने में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।

उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि वह परम्परागत खेती के साथ अधिक से अधिक औद्यानिक खेती को बढ़ावा दें। प्रगतिशील किसान अपने आस-पास के किसानों को फल-फूल, औषधियों व सब्जियों की खेती करने व बागवानी के लिए प्रेरित करें।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार में हर क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है। उप्र के अधिकांश क्षेत्रफल पर औद्यानिक खेती होगी, तो प्रदेश, देश मे सबसे अधिक सम्पन्न प्रदेश होगा। आत्मनिर्भर भारत व विकसित भारत बनाने के लिए प्रधानमंत्री के विजन को मूर्तरूप देने के लिए खेती की आधुनिक व वैज्ञानिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि महिलाओं को समृद्ध व शक्तिशाली बनाने के लिए फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में स्वयं सहायता की महिलाओं को जोड़ा जा रहा है। प्रधानमंत्री सूक्ष्म, खाद्य, उद्योग, उन्नयन योजना में प्रदेश के हर जिले में एक हजार यूनिट स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबके लिए गौरव की बात है कि उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग ने अपनी स्वर्णिम यात्रा के 50 वर्ष पूरे किये हैं। इस 50 वर्ष की यात्रा में विभाग ने तमाम उतार चढ़ाव के बीच ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। परम्परागत खेती से आगे बढ़कर प्रदेश में औद्यानिक खेती को बढ़ावा दिया गया है, आज फसलों,उत्पादों को प्रसंस्कृत करके मार्केट में भेजा जा रहा है और मार्केट में डिमांड भी बढ़ी है। तमाम औद्यानिक उत्पादों के निर्यात के साथ प्रसंस्कृत पदार्थों का भी बड़ी मात्रा में निर्यात किया जा रहा है, इस क्षेत्र में काम करने व रोजगार की अपार संभावनाएं हैं।

उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की नयी नीति बनायी गयी है। जिसमें उद्यमियों के लिए बड़ी मात्रा में अनुदान व अन्य सहूलियतें दिये जाने का प्राविधान किया गया है। उत्तर प्रदेश की खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति देश की सबसे अच्छी नीति है। उद्यमी व किसान इस नीति का भरपूर लाभ उठाएं। अब तक की रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश कि स्ट्राइक रेट देश में सबसे टाप पर है।

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना से समूहों की दीदियों को जोड़ा जा रहा है, महिलाओं की आमदनी बढ़ाने व उन्हें स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनाने में यह योजना मील का पत्थर साबित होगी। कॉमन इनक्यूबेशन सेंटरों के माध्यम से भी महिलाओं के क्रियाकलापों को मूर्तरूप देने में मदद मिलेगी। कॉमन इनक्यूबेशन सेंटर शीघ्र ही संचालित किये जाने की व्यवस्था की जा रही है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत बनाने व वर्ष 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को मूर्तरूप देने में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग विभाग का भी अहम रोल होगा। भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने व किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार संकल्पबद्ध है। औद्यानिक खेती के लिए किसान पूरी इच्छा शक्ति के साथ आगे बढ़ें, सरकार उनके साथ खड़ी है। विकसित भारत के प्रधानमंत्री मोदी के मिशन को आम किसानों तक पहुंचाया जाय। कृषि उत्पादों के साथ उसकी प्रोसेसिंग व भंडारण के क्षेत्र में लगे लोग भी आगे आएं। विकसित भारत बनाने के लिए कृषि योग्य भूमि का एक-एक इंच जमीन का उपयोग करना है।

प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार और कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश को बागवानी क्षेत्र में देश का प्रमुख राज्य बनाते हुए, प्रगति के पथ पर निरंतर बढ़ते उद्यान विभाग ने अपने स्वर्णिम 50 वर्ष पूर्ण किए। जिसने लाखों किसानों को समृद्धि का नया सूरज दिखाया और पोषण सुरक्षा का मजबूत आधार भी दिलाया। उद्यान विभाग द्वारा प्रदेश में फल, शाकभाजी, आलू, मसाला, पुष्प, औषधीय एवं सगंध आदि औद्यानिक फसलों के विकास, फल सब्जी के संरक्षण एंव प्रसंस्करण विधियों के प्रचार के साथ साथ मौनपालन, खाद्य प्रसंस्करण, कुकरी, बेकरी, पान तथा मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षण प्रदान कर नया कीर्तिमान रचा जा रहा है। उन्होंने विभाग द्वारा संचालित विभिन्न औद्यानिक विकास योजनाओं पर विहंगम रूप से प्रकाश डाला गया।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के माध्यम से किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले पौधों और नवीनतम तकनीकों से सशक्त किया जा रहा है। उन्होंने औद्यानिक क्षेत्र में सूक्ष्म सिचाई पद्धतियों के अनुप्रयोग के साथ-साथ पीवोट इरीगेशन सिस्टम को भी अपनाने के लिए कृषकों को प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि पीवोट इरीगेशन सिस्टम से सामुदायिक खेती एवं अनुशासित खेती को बल मिलेगा, जिसका सीधा संबंध कम लागत, अधिक उत्पादन एवं उनके विपणन से है। उन्होंने कहा कि औद्यानिक उन्नयन गोष्ठी के दूरगामी परिणाम हासिल होंगे। गोष्ठी के अवसर पर औद्यानिक फसलों और खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों से सम्बन्धित प्रेरक व आकर्षक प्रदर्शनी/स्टॉल भी लगाया गया।

जिनका भारी संख्या में लोगों ने अवलोकन कर लाभ उठाया। उद्यान विभाग की खाद्य प्रसंस्करण यूनिट द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म, खाद्य, उद्योग, उन्नयन योजना, नई खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति तथा इसमें किसानों एवं उद्यमियों को दी जा रही सब्सिडी व अन्य सहूलियतों के बारें मे विस्तार से लोगों को गोष्ठी के दौरान बताया गया। गोष्ठी के अवसर पर विभिन्न सत्रों का आयोजन किया गया। जिसमें सचिव खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय भारत सरकार सुब्रत गुप्ता, अपर मुख्य सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण बीएल मीणा,

एनबीआरआई के निदेशक अजीत कुमार सासनी, पूर्व निदेशक उद्यान डॉ आरके तोमर, पूर्व निदेशक उद्यान एवं केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान डॉ. आरके पाठक सहित अन्य विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण डॉ.विजय बहादुर द्विवेदी द्वारा किया गया।

औद्यानिक उन्नयन गोष्ठी पर आधारित एक स्मारिका का विमोचन किया गया। इसके साथ लघु चलचि़त्र के माध्यम से उद्यान विभाग के 50 वर्षों की प्रगतिगाथा को दर्शाया गया। गोष्ठी में सेवानिवृत्त अधिकारियों में डॉ.आरके पाठक, डॉ. सुरजीत सिंह, डॉ. आरके तोमर, राजेश प्रसाद, डॉ.आरपी सिंह, हरिनाम वर्मा एवं संतराम सहित 50 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के समापन सत्र में अयोध्या, देवीपाटन एवं लखनऊ मण्डल के 50 प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया।

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