आरएमएल में निकाली पर्यावरण जागरूकता पदयात्रा
संस्थान निदेशक एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक रहे मौजूद

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में पर्यावरण जागरूकता रैली निकाली गई।
सोमवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में आईसीएमआर, आईएपीएसएम एवं सामुदायिक चिकित्सा विभाग के तत्वावधान में “वन हेल्थ पहल” के अंतर्गत पर्यावरण जागरूकता पदयात्रा का सफल आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण, स्वच्छता, जैव विविधता के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना तथा मानव, पशु एवं पर्यावरण स्वास्थ्य के एकीकृत दृष्टिकोण को सशक्त बनाना था।
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रो. सीएम सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। साथ ही मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. विक्रम सिंह, सामुदायिक चिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ. कांडपाल तथा डॉ. मनीष सहित अन्य संकाय सदस्य एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।
पदयात्रा का शुभारंभ संस्थान परिसर से किया गया। जिसमें 100 से अधिक चिकित्सा एवं नर्सिंग छात्रों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने हाथों में बैनर, पोस्टर एवं तख्तियाँ लेकर पर्यावरण संरक्षण, कचरा प्रबंधन, हरित ऊर्जा और सतत विकास के संदेशों से जन-जागरूकता फैलाई।
पूरे परिसर में “स्वच्छ पर्यावरण – स्वस्थ जीवन” और “ग्रीन कैंपस, हेल्दी फ्यूचर” जैसे नारों से वातावरण गुंजायमान रहा।
मुख्य अतिथि प्रो. सीएम सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि
“वन हेल्थ एक ऐसा समग्र दृष्टिकोण है जो यह बताता है कि मानव, पशु और पर्यावरण का स्वास्थ्य आपस में गहराई से जुड़ा हुआ है। कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी ने हमें यह सिखाया कि जब तक हम पशुओं और पर्यावरण का ध्यान नहीं रखेंगे, तब तक मानव स्वास्थ्य भी सुरक्षित नहीं रह सकता।
संस्थान इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभाते हुए जन-जागरूकता और सामुदायिक गतिविधियों के माध्यम से ‘वन हेल्थ’ सिद्धांत को सशक्त बना रहा है।
उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे समाज में पर्यावरण संरक्षण के दूत बनें और अपने दैनिक जीवन में हरित आदतों को अपनाएँ।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. विक्रम सिंह ने कहा कि संस्थान ने सदैव जनस्वास्थ्य एवं सामुदायिक उत्थान के लिए पहल की है और यह कार्यक्रम उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सामुदायिक चिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ. कांडपाल ने बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से छात्रों में सामाजिक उत्तरदायित्व और पर्यावरणीय चेतना दोनों का विकास होता है, जो चिकित्सा शिक्षा का अभिन्न अंग है।
कार्यक्रम का समापन पर्यावरण संरक्षण की शपथ के साथ हुआ, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने स्वच्छ, हरित एवं स्वस्थ भारत के निर्माण का संकल्प लिया।
भारत सरकार ने राष्ट्रीय वन हेल्थ मिशन शुरू किया है ताकि सभी विभाग मिलकर इस दिशा में कार्य कर सकें।
‘वन हेल्थ’ को अपनाना एक स्वस्थ, सुरक्षित और सतत भविष्य की ओर बढ़ने का महत्वपूर्ण कदम है।



