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केजीएमयू के एचआरएफ सेंटर में लाखों कीमत की दवाओं का हेरफेर 

मामले को दबाने में जुटे जिम्मेदार, संस्थान प्रशासन बना अंजान 

 

इसके पहले भी एचआरएफ काउंटर में करोड़ों की दवाओं की कालाबाजारी का मिला था जखीरा

बलि का बकरा बने रहे आउटसोर्सिंग कर्मचारी, बड़े स्तर पर कार्रवाई से अछूता संस्थान प्रशासन 

लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। केजीएमयू के एचआरएफ केन्द्र पर मिलने वाली सस्ती दवाओं में बड़ा हेरफेर सामने आया है। जिसमें संस्थान में स्थापित एचआरएफ काउंटरों पर सप्लाई करने वाले मुख्य केन्द्र में रखी उडिलिव 300 एमजी लाखों कीमत की दवाओं का हेरफेर किया गया है । बता दें कि संस्थान के कन्वेंशन सेंटर में एचआरएफ का मुख्य केन्द्र है जहाँ पर संस्थान के सभी लगभग 13 एचआरएफ काउंटरों पर दवाएं पहुंचाई जाती हैं। जिसमें सर्जरी विभाग हो या ट्रामा सेंटर हो इन सभी एचआरएफ काउंटरों पर दवाओं की सप्लाई इसी केन्द्र से की जाती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एचआरएफ के मुख्य केन्द्र पर डॉ सुमित रूंगटा की सांठगांठ के माध्यम से रखे गए दो आउटसोर्सिंग कर्मचारियों द्वारा लाखों कीमत की दवाओं को बाहर बेचने का खेल कर रहे थे और यही नहीं संस्थान प्रशासन को इन दवाओं के हेरफेर की भनक तक नहीं लगी। जिसमें आउटसोर्सिंग कर्मचारी नमन और रोशन जो बीते दो महीना पहले नियमों को ताख पर रखकर इन्हें एचआरएफ मुख्य केन्द्र स्थित हेल्पर के पद पर नियुक्त कर दिया गया और इतना ही नहीं इन दोनों आउटसोर्स कर्मचारियों को सरकारी पोर्टल रोजगार संगम सेवायोजन कार्यालय से नियुक्त करने के बजाय डॉ सुमित रूंगटा की मिली भगत से हेल्पर के पद पर नियुक्त कर दिया गया। मामले का तूल पकड़ते देख इन दोनों आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से बाहर भी कर दिया गया है। ज्ञात हो कि बीते वर्ष एचआरएफ काउंटरों से दवाओं की कालाबाजारी में करोड़ों की दवाएं पकड़ी गयी थी। जिसमें बड़े जिम्मेदारों पर कार्रवाई होने के बजाय आउटसोर्स कर्मचारियों पर कार्रवाई की गयी थी और सांठगांठ वाले अधिकारी अपना पल्ला झाड़ते हुए बच गए थे । वहीं संस्थान में एचआरएफ काउंटरों पर मिलने वाली सस्ती दवाओं की कालाबाजारी रोकने में नाकाम साबित हो रहा है। अगर ऐसे ही सांठ गांठ वाले अधिकारी बचते रहेंगे तो संस्थान कालाबाजारी रोकने में आखिर कैसे सफल हो सकेगा। वहीं जब से कुलपति प्रो सोनिया नित्यानंद ने पदभार संभाला तब से वोह एचआरएफ काउंटरों के विस्तार व सुधार में लगी हुई है। ऐसे में इन्हीं सब सवालों के घेरे में संस्थान प्रशासन को सख्त नियम लागू करने होंगे जिससे एचआरएफ काउंटरों पर मिलने वाली सस्ती दवाओं का लाभ आम नागरिक को सदैव मिलता रहे।

 हॉस्पिटल रिवाल्विंग फंड (एचआरएफ) केन्द्र पर दवाओं की चोरी का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है।

डॉ. सुधीर सिंह

प्रवक्ता केजीएमयू लखनऊ

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