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सरकारी अस्पताल में सिक्योरिटी गार्डो की मनमानी, अंदर जाने से रोका 

बलरामपुर अस्पताल भर्ती डेंगू मरीजों से मिलने पर लगाई पाबंदी 

 

किसी भी सिक्योरिटी गॉर्ड क़ो यह आदेश नहीं दिया गया है कि पत्रकारों क़ो प्रवेश नहीं दिया जायेगा । अगर ऐसा किसी गॉर्ड ने किया है तो सिक्योरिटी गार्ड सुपरवाइजर को अवगत कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि सभी पत्रकारों अपना परिचय पत्र दिखाना होगा तब प्रवेश मिल जायेगा।डॉ. पवन कुमार अरुण  निदेशक बलरामपुर अस्पताल लखनऊ उप्र

 

लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़ । राजधानी में बढ़ते डेंगू, मलेरिया के मरीजों की हकीकत क़ो दबाने में अस्पताल लगा हुआ है।

बुधवार क़ो डेंगू मरीजों की हकीकत जानने के लिए मेडिकल रिपोर्टर बलरामपुर अस्पताल के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक पहुंचा। जहाँ पर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने अंदर प्रवेश करने से मना कर दिया है।

वहीं एसएसबी ब्लॉक में तैनात सुरक्षा कर्मियों में महिला, पुरुष गार्डो ने एक स्वर में यही बताने लगे कि आप अन्दर नहीं जा सकते, पूछने पर बताया कि निदेशक का आदेश है कि जिसे मैं लिखकर दूंगा वहीं अंदर जा सकता है और कहा अस्पताल निदेशक का आदेश है कि किसी भी पत्रकार क़ो अंदर प्रवेश नहीं दिया जायेगा।

गार्डो ने यहाँ तक कहा कि निदेशक से लिखित पत्र लेकर आइये तब प्रवेश दिया जायेगा अन्यथा आप बाहर जाइये। इतना कहते गार्डो ने अभद्रता करने पर अमादा हो गए। गार्डो का सिर्फ यही कहना रहा कि निदेशक ने पत्रकारों क़ो अस्पताल के अंदर प्रवेश पर रोक लगाई गयी है।

ज्ञात हो कि आये राजधानी में डेंगू के बढ़ते घटते मरीजों का रिकार्ड प्रतिदिन मिल रहा है। इस हकीकत क़ो जानने के मेडिकल रिपोर्टर अस्पताल पहुंचा था।

जिसमें बीते एक सप्ताह का रिकार्ड लगभग 400 डेंगू मरीजों का रहा। इससे यह साबित हो रहा है कहीं न कहीं अस्पताल प्रशासन का दबाव के चलते डेंगू मरीजों का रिकार्ड दबाने का प्रयास में लगा हुआ है।

जब कोई भी पत्रकार अस्पताल में प्रवेश नहीं कर सकेगा तो जाहिर सी बात है कि सच्चाई आखिर कौन दिखायेगा। अगर ऐसे ही सरकारी अस्पताल प्रशासन कि मनमानी रहेगी तो गिने चुने पत्रकारों क़ो अस्पताल में प्रवेश मिल सकेगा।

इसके अलावा अस्पताल की इमरजेंसी के बगल में बनी नालियो पानी के ठहराव से बजबजाती दिख रहीं हैं। इस पर अस्पताल प्रशासन बेखबर है। वहीं भर्ती मरीजों के परिजनो का दिन रात गन्दगी में बैठना, सोना रहता हैं और स्वास्थ्य विभाग पानी के ठहराव पर मच्छर जनित बीमारियों का पनपने का पाठ पढ़ाने का अभियान चला रखा है।

ऐसे में जब अस्पताल में साफ सफाई सुचारु रूप से नहीं होगी तो बीमारियों का बढ़ना अनुमान लगाया जा सकता है। इतने में निदेशक डॉ पवन कुमार अरुण से जब से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि परिचय पत्र दिखाकर जा सकते थे।

मेडिकल रिपोर्टर ने कहा कि परिचय पत्र दिखाया फिर भी गार्ड यही कहने लगे कि निदेशक से आदेश लेकर आओ। इससे आखिर क्या समझा जाए कि पत्रकार किसी भी संस्थान में प्रवेश करने से पहले अस्पताल प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ेगी तभी अंदर जा सकता है।

 

 

 

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