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निमोनिया की पहचान होने पर इलाज संभव – डॉ वेद प्रकाश 

कल विश्व निमोनिया दिवस

 

बच्चे और बुजुर्ग निमोनिया से अधिक प्रभावित, लगवाएं टीका 

निमोनिया ग्रसित बुजुर्ग व बच्चों को दूषित वायु से बचाएं 

 

लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। देश दुनिया के लिए निमोनिया एक गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है। निमोनिया से ग्रसित बच्चे व बुजुर्गो को अधिक प्रभावित करता है। बच्चे व बुजुर्ग की अधिक सांस फूलने लगे तो निमोनिया होने की आशंका बढ़ जाती है। इसके लिए अपने नजदीकी योग्य डॉक्टर को दिखाकर उपचार करावाएं। यह जानकारी सोमवार को केजीएमयू के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ वेद प्रकाश द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दी। जिसमें डॉ वेद प्रकाश, डॉ आरएएस कुशवाहा, डॉ. केके सावलानी, डॉ राजेश यादव मौजूद रहे।

डॉ वेद प्रकाश ने कहा कि निमोनिया की रोकथाम के लिए भारत सरकार ने नियमोकोकल वैक्सीन को यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया।जिससे सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य 2030 तक बच्चों में निमोनिया से होने वाली मौत के आंकड़े कम किया जा सके।

उन्होंने कहा कि इसलिए हर वर्ष लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यकमों के माध्यम से जागरूक किया जाता है। उन्होंने कहा कि भारत में निमोनिया का आर्थिक बोझ काफी है। पांच साल से कम उम्र के बच्चों में निमोनिया के इलाज से जुड़ी स्वास्थ्य देखभाल लागत सालाना लगभग 3 हज़ार करोड़ होने का अनुमान है। डब्ल्यूएचओ का अनुमान के अनुसार ध्यान नहीं दिया गया तो एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध के कारण 2050 तक निमोनिया से सालाना 1 करोड़ मृत्यु हो सकती हैं।

भारत में हर साल पांच साल से कम उम्र के बच्चों में गंभीर निमोनिया के लगभग 26 लाख मामलो में लगभग 8 लाख मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है। डॉ वेद प्रकाश ने कहा कि वायु प्रदूषण में जैसे धूम्रपान से वायु मंडल में फैला धुंवा भी निमोनिया मरीज होने का खतरा बढ़ जाता है। ताज़ा आकड़ो की बात करें तो पूरे विश्व में प्रतिवर्ष निमोनिया से होने वाली 16 लाख मृत्यु के लिए वायु प्रदूषण जिम्मेदार होता है।

विश्व निमोनिया दिवस की थीम है “हर सांस मायने रखती है: निमोनिया को उसके रास्ते पर रोकें।इसी क्रम में डॉ सावलानी ने कहा खांसी जुकाम होना, सांस अधिक फूलना यह निमोनिया के लक्षण होते हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। साथ ही बाल रोग विभाग के प्रो राजेश यादव ने बताया कि बच्चों में सांस तेज चलना यह निमोनिया होने के संकेत होते हैं। उन्होंने कहा कि अधिक सांस फूलने की परिस्थिति में बच्चा सुस्त हो जाता है। ऐसी अवस्था में बच्चे को जरूर भर्ती कराये।

जानें निमोनिया होने के लक्षण..

लगातार खांसी आना,बुखार और ठंड लगना,सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, थकान और कमजोरी भ्रम, भूख न लगना, निम्न रक्त चाप, वं ऑक्सीजन स्तर कम होना यह निमोनिया होने के लक्षण होते हैं।

जानें इसकी रोकथाम और उपचार के बारे में क्या करें, क्या न करें..

6 माह तक के बच्चो को केवल माँ का दूध ही पिलाये। इसके लिए टीकाकरण, पर्याप्त पोषण, वायु प्रदूषण से बचाव करना जरुरी है। न्यूमोकोकस,हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा के लिए टीके लगवाना जरुरी है। बचपन के टीकाकरण के अलावा, न्यूमोकोकल वैक्सीन और इन्फ्लूएंजा वैक्सीन जैसे टीके वृद्ध वयस्कों और पुरानी बीमारी से ग्रासित व्यक्तियों के लिए आवश्यक होता हैं।

निमोनिया के उपचार में आमतौर पर जीवाणु संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक्स, वायरल कारणों के लिए एंटीवायरल दवाएं और ऑक्सीजन थेरेपी सहित सहायक देखभाल शामिल होती है। शीघ्र निदान से बीमारी को अधिकाधिक बढ्ने से बचाया जा सकता है।

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