लोकदल पार्टी मुख्यालय पर मनाई जयंती
महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री की फोटो पर अर्पित की श्रद्धांजलि

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और लाल बहादुर शास्त्री को नमन किया गया। बुधवार को राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश कार्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री की जयंती उत्साह के साथ मनाई गई।
कार्यक्रम में पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं एवं वरिष्ठ नेताओं ने दोनों महान विभूतियों की प्रतिमाओं पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय लोकदल उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने की। इस अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अनिल दुबे विशेष रूप से उपस्थित रहे।
प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने कहा कि “महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए देश को आज़ादी दिलाई। उन्होंने सिखाया कि हिंसा और वैमनस्य कभी समाधान नहीं हो सकते। आज जब समाज में आपसी सौहार्द्र और भाईचारे की सबसे अधिक आवश्यकता है, तब गांधी के विचार और भी प्रासंगिक हो जाते हैं।
हम सबका कर्तव्य है कि उनके बताए मार्ग पर चलकर सत्य, अहिंसा और करुणा से भरा हुआ समाज बनाएं।
उन्होंने आगे कहा कि “लाल बहादुर शास्त्री का जीवन त्याग और सादगी का प्रतीक था। वे उस दौर में प्रधानमंत्री बने जब देश को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था। शास्त्री ने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा देकर किसानों और सैनिकों को नई प्रेरणा दी।
उनका मानना था कि जब तक अन्नदाता किसान समृद्ध नहीं होगा और जब तक देश का जवान सुरक्षित नहीं रहेगा, तब तक भारत आत्मनिर्भर नहीं बन सकता। शास्त्री ने अपने कार्यकाल में अनुशासन, ईमानदारी और सादगी की मिसाल कायम की, जो आज भी हर राजनेता और आम नागरिक के लिए आदर्श है।
प्रदेश अध्यक्ष ने विशेष रूप से युवाओं और किसानों को संदेश देते हुए कहा कि “आज का युवा देश की सबसे बड़ी ताकत है। यदि युवा गांधी और शास्त्री के आदर्शों को अपनाएंगे तो भारत निश्चित रूप से प्रगति और समृद्धि की ऊंचाइयों तक पहुंचेगा।
किसानों के कल्याण और युवाओं के सशक्तिकरण के बिना देश का विकास अधूरा है। राष्ट्रीय लोकदल हमेशा किसानों के अधिकारों और युवाओं के भविष्य की लड़ाई लड़ता आया है और आगे भी लड़ता रहेगा।
राष्ट्रीय महासचिव अनिल दुबे ने अपने उद्बोधन में कहा कि “गांधी और शास्त्री का जीवन हमें यह सिखाता है कि राष्ट्र निर्माण में सादगी, समर्पण और नैतिक मूल्यों की सबसे बड़ी भूमिका होती है। यदि हम उनके बताए मार्ग पर चलें, तो निश्चित ही भारत को एक मजबूत, आत्मनिर्भर और न्यायपूर्ण देश बना सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि “आज जब राजनीति और समाज में भौतिकवाद तथा स्वार्थपरता का बोलबाला है, तब गांधी और शास्त्री जैसे नेताओं की शिक्षाएं हमें सही दिशा दिखाती हैं। शास्त्री जी का जीवन हमें यह विश्वास दिलाता है कि ईमानदारी और सादगी के साथ भी महान नेतृत्व किया जा सकता है।
वहीं गांधी ने यह सिखाया कि सत्य और अहिंसा केवल आदर्श नहीं बल्कि व्यवहारिक जीवन का हिस्सा होना चाहिए। हमें उनकी शिक्षाओं को केवल स्मरण करने तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि उन्हें अपने जीवन और कार्यों में उतारना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
राष्ट्रीय लोकदल के मीडिया प्रभारी मयंक त्रिवेदी ने बताया कि इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष रजनीकांत मिश्र, आदित्य विक्रम सिंह, प्रदेश महासचिव रमावती तिवारी, चंद्रकांत अवस्थी, प्रदेश सचिव अशोक तिवारी, प्रमोद शुक्ला, तराई क्षेत्र के अध्यक्ष पीके पाठक सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रगान गाया गया और देश की एकता, अखंडता और प्रगति के लिए सबने मिलकर प्रतिज्ञा ली।



