दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम तेज
दिव्यांगों को नगर निकायों की दुकानों में मिलेगा आरक्षण

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम तेज़ हो गयी है। मंगलवार को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने नगर निगमों और नगर पंचायतों में बनने वाली दुकानों और कीऑस्कों में दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण लागू करने का निर्णय लिया है।
इस पहल के तहत नगर निगम और सूडा (राज्य शहरी विकास प्राधिकरण) को निर्देश दिए गए हैं कि वे पुनर्वास योजना के तहत दुकानों का आवंटन प्राथमिकता से दिव्यांगजनों को होगा।
प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तिकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने मंगलवार को विधानसभा में अपने कार्यालय में नगर निगम और सूडा के अधिकारियों के साथ बैठक कर इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि दुकानों और कीऑस्कों का आवंटन निर्धारित आरक्षण नीति के तहत किया जाए और इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार कर पात्र दिव्यांगजनों तक जानकारी पहुंचाई जाए।
मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने बैठक में जोर देकर कहा कि नगर निगम और दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग संयुक्त रूप से एक नई योजना का प्रस्ताव तैयार करें, जिसके तहत शहरों में दिव्यांगजनों के लिए विशेष रूप से दुकानें बनाई जाएं और उन्हें संचालन का अवसर प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्देश है कि दिव्यांगजनों को न केवल शिक्षित किया जाए, बल्कि उन्हें स्वावलंबी और आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाया जाए।
दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में दुकान निर्माण एवं संचालन योजना के तहत 1318 लाभार्थियों के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 199 दिव्यांगजनों को 19.90 लाख रुपये व्यय कर लाभान्वित किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त, जनपद स्तर पर 766 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनकी समीक्षा कर शीघ्र ही आवंटन प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
योगी सरकार की इस पहल से न केवल दिव्यांगजनों को आर्थिक स्वावलंबन का अवसर मिलेगा, बल्कि सामाजिक समावेशन को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार का यह कदम दिव्यांगजनों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने और उन्हें मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से प्रदेश के हजारों दिव्यांगजन आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
मंत्री ने विभागीय योजनाओं की समीक्षा की..
प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तीकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में विभागीय अधिकारियों के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक की। बैठक में मंत्री ने दोनों विभागों की योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक हर हाल में पहुंचे, इसके लिए प्रचार-प्रसार को और प्रभावी बनाया जाए।
मंत्री कश्यप ने कहा कि दिव्यांगजन भरण-पोषण अनुदान योजना एवं कुष्ठावस्था पेंशन योजना के माध्यम से दिव्यांगजनों को निरंतर आर्थिक सहायता दी जा रही है। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में लगभग 11 लाख दिव्यांगजनों को पेंशन सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की गई है। इसी तरह कुष्ठावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत 12,000 से अधिक लाभार्थियों को पेंशन की धनराशि प्राप्त हो चुकी है।
कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण योजना के अंतर्गत लगभग 16,000 दिव्यांगजनों को चिन्हित कर लिया गया है, जिन्हें जल्द ही उपकरण वितरित किए जाएंगे। मंत्री ने निर्देशित किया कि चिन्हित लाभार्थियों को समयबद्ध ढंग से उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।
निःशुल्क मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल योजना की समीक्षा करते हुए मंत्री ने कहा कि प्रत्येक जनपद को 10 मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल वितरित करने का लक्ष्य है। उन्होंने अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर वितरण की कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिए।
दिव्यांग व्यक्ति प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के अंतर्गत विवाह करने वाले दिव्यांगजनो को लाभ दिलाने के लिए लंबित आवेदनों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।
शल्य चिकित्सा अनुदान योजना पर चर्चा करते हुए मंत्री ने कहा कि इस योजना में प्राप्त आवेदनों के सापेक्ष बजट की व्यवस्था हेतु आवश्यक कार्रवाई शीघ्र की जाए, ताकि पात्र लाभार्थियों को समय से सहायता मिल सके।
बैठक के दौरान मंत्री ने पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की प्रमुख योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने शादी अनुदान योजना, छात्रवृत्ति योजना और कम्प्यूटर प्रशिक्षण योजना की प्रगति का ब्योरा लेते हुए इन योजनाओं के लाभ को अधिकतम पात्र युवाओं तक पहुंचाने के लिए निर्देशित किया।
कम्प्यूटर प्रशिक्षण योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 35 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। अब तक इस योजना के लिए 8,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस योजना का जनजागरण अभियान चलाकर प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि तकनीकी दक्षता बढ़े और रोजगार के अवसर मिल सकें। मंत्री ने यह भी अवगत कराया कि इस योजना के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 14 जुलाई 2025 है।



