धार्मिक स्थलों पर भी हो टीबी रोग की स्क्रीनिंग – मुख्य विकास अधिकारी
सभी धर्मगुरुओं के साथ की बैठक, लिया निर्णय, जताई सहमति
लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। टीबी मुक्त भारत बनाने की मुहिम तेज हो गयी है। अब धार्मिक स्थलों पर भी टीबी रोग की स्क्रीनिंग की जाएगी। मंगलवार को राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार के निर्देशों के क्रमानुसार मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में विभिन्न धर्मगुरुओं के साथ बैठक की गयी। जिसमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेंद्र बहादुर सिंह भी उपस्थित रहे। वहीं मुख्य विकास अधिकारी ने सभी धर्म गुरुओं से क्षय उन्मूलन में सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि धार्मिक स्थलों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं । इसलिए यहां पर जागरूकता के लिए टीबी के लक्षणों, जांच और उपचार का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए और टीबी की स्क्रीनिंग के लिए शिविर लगाए जाएं । उन्होंने धर्मगुरुओं से अपील की कि वह निक्षय मित्र के रूप में मरीजों को गोद लें और अन्य लोगों को भी गोद लेने के लिए प्रेरित करें । रोग न तो धर्म देखता है और न ही अमीर गरीब । प्रधानमंत्री ने साल 2025 तक क्षय उन्मूलन का लक्ष्य रखा है । यह तभी संभव है जब हर वर्ग, धर्म, जाति के लोग सहयोग करें । उन्होंने कहा कि आप धर्म गुरु हैं,आपकी बात को लोग बिना कोई सवाल किए अपनाएंगे और उस पर अमल करेंगे । इसलिए आप टीबी उन्मूलन में सहयोग करें और अपने-अपने समुदाय में भी लोगों को इसमें सक्रिय प्रतिभाग के लिए प्रोत्साहित करें । बैठक के दौरान राजेंद्र नगर स्थित महाकाल मंदिर के पुजारी पंडित अतुल बाजपेई, पंडित श्रीकांत शास्त्री तिवारी, पंडित श्याम सुन्दर शुक्ला, पंडित स्वदेश तिवारी, शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी मौजूद रहे और उन्होंने टीबी उन्मूलन अभियान में सहयोग के लिए आश्वासन दिया । इस मौके पर राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन इकाई के जिला कार्यक्रम समन्वयक दिलशाद हुसैन, पीपीएम समन्वयक राम जी वर्मा,सौमित्र मिश्रा, सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर एसटीएस अभय चंद्र मित्रा, लोकेश कुमार वर्मा, पवन तिवारी, ऋषभ शुक्ला, संदीप मौर्या, उदय शंकर मिश्रा और न एस.पी.सिंह मौजूद रहे ।
पहचाने टीबी के क्या होते हैं लक्षण..
दो हफ्ते से ज्यादा खांसी आना,बलगम के साथ खून आना,शाम के समय बुखार आना,लगातार वजन में कमी आना,रात में पसीना आना,भूख न लगना विशेषज्ञों द्वारा परखा गया है। इसलिए ऐसे संकेत हो तो जाँच अवश्य कराये और भारत को टीबी मुक्त बनाने में योगदान दें।