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ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत को पाकिस्तान ने खुद स्वीकारा- राजनाथ सिंह

अंतरराष्ट्रीय संगठन आईएमएफ देने पर करे विचार

 

गुजरात। उत्तर प्रदेश।लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत को पूरी दुनिया ने देखा है। ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय वायुसेना ने जो प्रभावी भूमिका निभाई है, उसकी सराहना इस देश में ही नहीं दूसरे देशों में भी हो रही है। सेना ने ऑपरेशन में न केवल दुश्मन को डोमिनेटे किया है, बल्कि उन्हें डिसिमेट करने में भी कामयाबी हासिल की है। आतंकवाद के ख़िलाफ़ चलाये गए इस अभियान को स्पेअरहेड हमारी एयरफोर्स ने किया। हमारी एयरफोर्स एक ऐसी ‘स्काइफ़ोर्स’ है, जिसने अपने शौर्य, पराक्रम और प्रताप से आसमान की नई और बुलंद ऊंचाइयों को छू लिया है। यह जानकारी शुक्रवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात के भुज स्थित एयरफोर्स स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में दी। उन्होंने कहा कि

यह कोई छोटी बात नहीं है कि हमारी एयरफोर्स की पहुँच पाकिस्तान के हर कोने तक है, यह बात पूरी तरह साबित हो चुकी है। आज स्थिति यह है कि भारत के फाइटर प्लेन बिना सरहद पार किए ही, यहीं से उनके हर कोने तक प्रहार करने में सक्षम है। पूरी दुनिया ने देख लिया है कि कैसे आपने पाकिस्तान की धरती पर मौजूद, आतंकवाद के नौ ठिकानों को ध्वस्त कर दिया; बाद में की गई कारवाई में उनके अनेक एयरबेस तबाह कर दिए।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान इंडियन एयरफोर्स ने केवल पराक्रम ही नहीं दिखाया है, बल्कि पूरी दुनिया के सामने प्रमाण भी दिया है। प्रमाण इस बात का कि अब भारत की युद्ध नीति और तकनीकी दोनों बदल चुकी है। आपने नए भारत का संदेश पूरी दुनिया तक पहुंचाया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि

यह संदेश है कि अब भारत केवल विदेशों से इम्पोर्ट किए गए हथियारों और प्लेटफॉर्म्स पर निर्भर नहीं है,बल्कि भारत में बने अस्त्र और शस्त्र भी हमारी सैन्य शक्ति का हिस्सा बन चुके हैं। अब भारत में बने और भारतीय हाथों से बने हथियार भी अचूक और अभेद हैं, यह पूरे विश्व ने देख लिया है।

‘ब्रह्मोस’ मिसाइल की ताक़त को तो पाकिस्तान ने ख़ुद स्वीकार किया है। हमारे देश में एक कहावत काफ़ी पुरानी है और वह है – “दिन में तारे दिखाना”। मगर भारत मे बनी ब्रह्मोस मिसाइल ने पाकिस्तान को रात के अँधेरे में दिन का उजाला दिखा दिया है। भारत के जिस एयर डिफेंस सिस्टम की तारीफ़ हर तरफ़ हो रही है, उसमें डीआरडीओ द्वारा बनाये गए ‘आकाश’ और अन्य राडार सिस्टम की जबरदस्त भूमिका रही है।

भारत ने पाकिस्तान में मौजूद टेरर इंफ्रास्ट्रक्चर के ख़िलाफ़ प्रभावी कारवाई की मगर पाकिस्तान फिर से इस कोशिश में लग गया है कि ध्वस्त हुए आतंकी ढाँचे को फिर से खड़ा किया जाये। वहाँ की सरकार, पाकिस्तानी आम नागरिकों से लिया गया टैक्स, ‘जैश ए मुहम्मद’ जैसे आतंकी संगठन के आका मसूद अजहर को करीब चौदह करोड़ रुपए देने में खर्च करेगी। जबकि वह यूएन डिज़ाइनटेड टेररिस्ट घोषित है।

इतना ही नहीं, ‘लश्कर ए तैयबा और जैश ए मुहम्मद’ के मुरीदके और बहावलपुर स्थित टेरर इंफ्रास्ट्रक्चर को फिर से खड़ा करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने आर्थिक सहायता देने के ऐलान किया है। निश्चित रूप से आईएमएफ से आने वाले एक बिलियन डॉलर के बड़े हिस्से को टेरर इंफ्रास्ट्रक्चर को फंड करने में इस्तेमाल होगा। क्या यह आईंएमएफ द्वारा जो कि एक इंटरनेशनल आर्गेनाईजेशन द्वारा इंडायरेक्ट फंडिंग नहीं माना जाएगा क्योंकि

इसलिए मैं मानता हूँ कि आज के समय में पाकिस्तान को किसी भी तरह की आर्थिक सहायता टेरर फंडिंग से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत यही चाहेगा कि आईएमएफ पाकिस्तान को अपनी एक बिलियन डॉलर की असिस्टेंस पर पुनर्विचार करे और आगे भी किसी भी तरह की सहायता देने से आईंएमएफ परहेज करे। भारत नहीं चाहता कि जो फंडिंग हम आईंएमएफ को करते हैं, वह डायरेक्ट या इंडायरेक्ट किसी भी तरीके से पाकिस्तान या किसी भी देश में टेरर इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाने में इस्तेमाल की जाये।

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