नगर विकास मंत्री ने नई प्रेस वेस्ट यूनिट का किया उद्घाटन
शिवरी प्लांट पर 700 मीट्रिक टन क्षमता की नई यूनिट की शुरुआत

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में नई फ्रेश बेस्ट यूनिट की शुरुआत कर स्वच्छ भारत मिशन में नई कड़ी जोड़ दी गई।
रविवार को शिवरी स्थित ठोस अपशिष्ट प्रोसेसिंग प्लांट में 700 मीट्रिक टन क्षमता की नई फ्रेश वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट का लोकार्पण नगर विकास मंत्री एके शर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल नगर आयुक्त गौरव कुमार उपस्थित रहे।
इस यूनिट के संचालन में आने के साथ ही अब लखनऊ नगर निगम द्वारा प्रतिदिन जनित 2000 मीट्रिक टन कूड़े का शत-प्रतिशत वैज्ञानिक निस्तारण संभव हो सकेगा। यह उपलब्धि लखनऊ को “जीरो नेट वेस्ट सिटी” के रूप में घोषित करने की दिशा में निर्णायक कदम है।
इस उद्घाटन समारोह में पार्षदगण, शिवरी गांव के ग्राम प्रधान राम नरेश राजपूत, नगर आयुक्त गौरव कुमार, अपर नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार राव, चीफ इंजीनियर महेश वर्मा समेत नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी, स्थानीय प्रतिनिधि एवं अन्य गणमान्य अतिथि भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
महापौर ने कहा..
“आज का दिन लखनऊ के लिए गौरवपूर्ण है। यह उपलब्धि नगर निगम की प्रतिबद्धता, नागरिकों की जागरूकता और तकनीकी सहयोग का परिणाम है। यह केवल कचरा प्रबंधन नहीं, बल्कि एक स्वस्थ, स्वच्छ और टिकाऊ भविष्य का निर्माण है।
ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री वर्ष 2022 में जब शिवरी प्लांट पर सर्वे कराया गया, तो सामने आया कि नगर में पूर्व में कार्यरत एजेंसियों द्वारा एकत्र किया गया लगभग 18.50 लाख मीट्रिक टन लिगेसी वेस्ट प्रोसेसिंग के बिना जमा था। यह कूड़ा पर्यावरण, जनस्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए गंभीर चुनौती बना हुआ था।
इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए ₹106.18 करोड़ की लागत वाली परियोजना तैयार की गई, जिसमें ₹96.53 करोड़ की राशि SBM-1 योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन तकनीकी समिति द्वारा स्वीकृत की गई। परियोजना के लिए मेसर्स भूमि ग्रीन एनर्जी का चयन किया गया, जिसने 12 मार्च 2024 से कार्य शुरू किया।
अब तक संस्था द्वारा 12.86 लाख मीट्रिक टन लिगेसी वेस्ट का वैज्ञानिक ढंग से निस्तारण किया जा चुका है। इस कार्य के दौरान उत्पन्न आरडीएफ, सी एंड डी वेस्ट, बायो-सॉयल एवं कोर्स फ्रैक्शन को रिसाइक्लिंग, को-प्रोसेसिंग व लो-लैंड फिलिंग के माध्यम से पर्यावरणीय दृष्टि से उपयोग में लाया गया है।
यह यूनिट एनटीपीसी के सहयोग से प्रस्तावित ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ने बताया कि वेस्ट -टू -एनर्जी प्लांट के निर्माण पूर्ण होने तक एक प्रभावी अंतरिम समाधान प्रदान करेगी। भविष्य में बीओओ मॉडल के तहत वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का निर्माण प्रस्तावित है। जिसकी डीपीआर निर्माणाधीन है। ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ने बताया कि परियोजना के अंतर्गत अब तक 25 एकड़ भूमि रिक्लेम की जा चुकी है, जिसका उपयोग 2100 मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता के फ्रेश वेस्ट प्लांट, विंड्रो पैड, और ग्रीन बेल्ट के विकास में किया जा रहा है।
इस पूरी परियोजना की निगरानी नीरी नागपुर,आईआईटी रुड़की और VJTI मुंबई जैसे संस्थानों द्वारा की जा रही है, जिससे गुणवत्तापूर्ण, मापनीय और मानकों के अनुरूप निस्तारण सुनिश्चित हो रहा है। इसके अतिरिक्त, 47 CCTV कैमरों के माध्यम से 24×7 निगरानी की व्यवस्था की गई है।
कार्यक्रम के विशेष भाग में सिटी मॉन्टेसरी स्कूल के छात्र-छात्राओं ने भी हिस्सा लिया। इन बच्चों ने शिवरी प्लांट पहुंचकर स्वयं देखा कि किस प्रकार शहर से उत्पन्न कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जाता है। बाद में मंत्री एके शर्मा एवं महापौर सुषमा खर्कवाल ने बच्चों से संवाद करते हुए गीले व सूखे कचरे को पृथक करने और उसे घर से अलग-अलग देने की अपील की। बच्चों को पूरी निस्तारण प्रक्रिया की जानकारी दी गई, जिससे उनमें पर्यावरणीय चेतना और जिम्मेदारी की भावना विकसित हो सके।
नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि लखनऊ नगर की कुल (स्थायी व फ्लोटिंग) आबादी से प्रतिदिन लगभग 2000 मीट्रिक टन ताजा कूड़ा निकलता है। इसकी प्रोसेसिंग के लिए पहले ही दो यूनिट (700-700 MT) कार्यरत थीं। रविवार को तीसरी यूनिट का उद्घाटन हो जाने से अब लखनऊ नगर निगम पूरे कचरे का शत-प्रतिशत वैज्ञानिक निस्तारण कर सकेगा।
अपर नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार राव ने बताया कि शहर में चल रही इस परियोजना के तहत सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा दिया जा रहा है। रिसाइक्लिंग योग्य सामग्री का दोबारा उपयोग कर संसाधनों की बचत की जा रही है और रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं। लखनऊ नगर निगम का यह प्रयास अब देश-विदेश की एजेंसियों और शहरों के लिए प्रेरणा बन चुका है।