पशुधन मंत्री ने गौआश्रय केंद्र का किया निरीक्षण
गौवंशों को समुचित हरा चारा व्यवस्था व पशु आहार खिलाने के लिए निर्देश
ठंड से बचाव को पर्याप्त व्यवस्था रखने निर्देश
लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। ठंड की दस्तक शुरू होते ही गौआश्रय केंद्रों का निरीक्षण शुरू हो गया है। रविवार को उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बख्शी का तालाब स्थित अस्थायी गौआश्रय किशुनपुर, उसराना का स्थलीय निरीक्षण किया। जिसमें किशुनपुर में 178 गौवंश एवं उसराना में 212 गौवंश संरक्षित पाये गये। पशुधन मंत्री ने निरीक्षण के दौरान गोवंश चारा, भूसा, चिकित्सा, औषधियॉ, प्रकाश एवं सुरक्षा आदि व्यवस्थायें देखी गई । गौआश्रय स्थल में संरक्षित गौवंशों को पुआल एवं भूसा के साथ पशु आहार खिलाया जा रहा था। मंत्री ने निरीक्षण में गौशालाओं के और अधिक बेहतर प्रबंधन और सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया।
पशुधन मंत्री ने कुछ गौवंशों का स्वास्थ्य ठीक न दिखने पर गौवंशों को हरा चारा व पशु आहार समुचित मात्रा में खिलाये जाने के लिए निर्देशित किया । साथ ही बेज़ुबान पशुओं को ठण्ड से बचाव के लिए त्रिपाल की व्यवस्था तथा ठण्ड में पशुओं को पीने के लिए ताजे पानी की व्यवस्था करने के निर्देश दियेे। मंत्री द्वारा गौआश्रय स्थल में एक अतिरिक्त टीन शेड बनवाये के लिए डीसी मनरेगा को निर्देशित किया गया एवं गौचर भूमि को कब्जा मुक्त कराये जाने के लिए उप जिलाधिकारी, बीकेटी को भी निर्देशित किया गया। उन्होंने गौसंरक्षण केन्द्र में गोवंश के स्वास्थ्य पर और ध्यान दिये जाने तथा हरे चारे की उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिये। पशुधन मंत्री ने गौशाला को आत्मनिर्भर बनाने पर बल देते हुए निर्देशित किया कि गौशाला के स्वावलम्बन के लिए गौ जनित पदार्थों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए। मंत्री ने गौशाला की व्यवस्था पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि गौशाला में गायों के लिए निरन्तर हरा चारा, भूसा एवं पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और गोवंश के संरक्षण में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। पशुधन मंत्री ने गोआश्रय स्थल पर गोवंश को केला, चना एवं गुण खिलाकर आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस अवसर पर पशुधन मंत्री ने कहा कि गौवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए उल्लेखनीय कार्य किये जा रहे हैं। राज्य सरकार का उद्देश्य गौ आश्रय स्थलों के माध्यम से गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के साथ ही गौजनित पदार्थो के माध्यम से गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाना और स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर उत्पन्न करना है। राज्य सरकार द्वारा कृषकों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। निरीक्षण के समय मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, पशु चिकित्साधिकारी, इटौँजा ग्राम विकास अधिकारी उपस्थित रहे।