स्वस्थ आज कल को पोषण साक्षरता अनिवार्य – लीना जौहरी
बच्चों और किशोरों के विकास का आधार” विषय पर पोषण पाठशाला

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। बच्चों और किशोरो के विकास का आधार विषय पर पोषण पाठशाला का आयोजन किया गया। मंगलवार को
राष्ट्रीय पोषण माह के तहत महिला कल्याण एवं बाल विकास पुष्टाहार विभाग द्वारा “स्वस्थ जीवन शैली और संतुलित आहार ‘बच्चों और किशोरों के विकास का आधार” विषय पर पोषण पाठशाला आयोजित की गई। इसमें सभी जिलों के आईसीडीएस अधिकारी, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, माताएँ, अभिभावक और किशोरियाँ ऑनलाइन जुड़ीं।
अपर मुख्य सचिव लीना जौहरी ने कहा कि “स्वस्थ आज और सुरक्षित कल के लिए पोषण साक्षरता अनिवार्य है।” उन्होंने बताया कि इस पहल का उद्देश्य अधिक से अधिक परिवारों तक भोजन और पोषण संबंधी सही जानकारी पहुँचाना तथा समुदाय में पोषण के प्रति व्यवहारिक बदलाव लाना है।
उन्होंने कहा कि बच्चों और किशोरों में बढ़ता मोटापा अब कुपोषण का नया स्वरूप बन गया है, जिससे गैर-संचारी रोगों का खतरा बढ़ता है।
उन्होंने बताया कि संभव अभियान के तहत प्रदेश के 1.28 करोड़ बच्चों का वजन और लंबाई मापी गई, जिनमें 2.66% बच्चे मोटापे से ग्रसित और 3.53% बच्चों का वजन सामान्य से अधिक पाया गया।
इस वर्ष के पोषण अभियान की थीम में “मोटापा निवारण – चीनी, नमक एवं तेल के उपभोग में कमी और आईवाई lसीएफ प्रैक्टिसेस” को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि संतुलित आहार, नियमित शारीरिक गतिविधि और स्वस्थ जीवनशैली को जन-आंदोलन का रूप देना आवश्यक है।
एसजीपीजीआई की वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पियाली भट्टाचार्य ने बताया कि जीवन के पहले 1000 दिन शिशु के स्वास्थ्य और भविष्य की नींव रखते हैं। इस दौरान संतुलित पोषण और स्तनपान शारीरिक व मानसिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
किशोरावस्था दूसरा अवसर है, जब शरीर को अतिरिक्त पोषण और पर्याप्त नींद व गतिविधि की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि अस्वास्थ्यकर आहार न केवल शरीर बल्कि मस्तिष्क, व्यवहार और शैक्षणिक प्रदर्शन को भी प्रभावित करता है।
उन्होंने छह माह तक केवल स्तनपान, छह माह बाद ऊपरी आहार की शुरुआत, एक वर्ष तक नमक और दो वर्ष तक चीनी से परहेज, तथा जंक फूड और सॉफ्ट ड्रिंक्स से बचने की सलाह दी।
मलिहाबाद ब्लॉक की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनामिका ने कहा कि प्रशिक्षण से सही खानपान और संतुलित जीवनशैली के महत्व की उपयोगी जानकारी मिली, जिसे वे लाभार्थियों और परिवारों के साथ साझा करेंगी।
इस अवसर पर निदेशक आईसीडीएस सरनीत कौर ब्रोका और उपनिदेशक डॉ. अनुपमा शांडिल्य ने कहा कि संतुलित भोजन और नियमित जीवनशैली स्वस्थ शारीरिक एवं मानसिक विकास की कुंजी हैं। उन्होंने कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग देने के लिए यूनिसेफ, यूपीटीएसयू और एनआईसी को धन्यवाद ज्ञापित किया।