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3महीने से फरार टाइगर को वन विभाग टीम ने पकड़ा 

वन मंत्री ने पूरी टीम को दी बधाई 

 

लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी के आस पास के क्षेत्रों में सूरज ढलते ही एक ही खौफ रहता था कि कही टाइगर न आ जाए। जिसको लेकर लगातार चर्चा चलती रहती थी कि आज यहाँ तो कभी वहां उसके पदचिन्हो की पहचान करते देखा जा रहा था और वन विभाग टीम के लिए चुनौती बनता गया । वहीं बुधवार को जब वन विभाग की संयुक्त टीम ने टाइगर का रेस्क्यू किया और यह चर्चा आग की तरह फ़ैल गयी कि आखिरकार टाइगर पकड़ा गया। जिससे स्थानीय लोगों ने राहत भरी सांस ली है। बता दें कि बीते तीन महीने से इस टाइगर को पकड़ने के लिए वन विभाग टीम पड़वा को पिजड़े से बांध देते और टाइगर आता पड़वा खा जाता फिर वन विभाग की टीम दूसरा पड़वा लाते और पकड़ने के लिए इंतजाम लगाते फिर भी टाइगर इतना चतुर कि पड़वा खा जाता और गायब हो जाता। उसके अगले दिन वन विभाग कि टीम पड़वा को पिजड़े से बांधकर कई जतन किये लेकिन टाइगर चकमा देता रहा और करीब दर्जनों पड़वा खा गया। यह लुकाछिपी का खेल लगभग तीन महीने से चलता रहा और पकड़ा गया। वहीं इस उपलब्धि के लिए उप्र के पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन एवं जंतु उद्यान राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने वन विभाग टीम को बधाई देते हुए कहा कि तीन महीने से वैसे कोई जनहानि नहीं हुई और टाइगर पकड़ लिया गया। उन्होंने कहा कि यह कार्य मुख्यमंत्री के निर्देशन में संभव हो पाया है। मिली जानकारी के अनुसार टाइगर का रेस्क्यू करने के लिए बेंगलुरु से आई टीम ने ट्रेंकुलाइज कर पकड़ा, तीन महीने से इलाके में दहशत का माहौल था। जिसमें 25 से अधिक जानवरों को खा चुका था। वहीं वन विभाग के सैकड़ो अधिकारी और कर्मचारी 90 दिनों से बाघ को ट्रेंकुलाइज करने में जुटे हुए थे लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी। टाइगर ऑपरेशन में लगी वन विभाग टीम को बड़ी सफलता मिली है, बेंगलुरु से आए डॉक्टर की मदद से बाघ को ट्रेंकुलाइज करने में बड़ी सफलता मिली है। वन विभाग की टीम ने बाघ को जोन-2 में ट्रेंकुलाइज किया। इसके बाद बाघ बेहोश हो गया। टीम ने बाघ को पकड़ने के लिए कई दिनों से कड़ी घेराबंदी कर रखी थी।

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