केजीएमयू में डॉक्टरों ने एएमआर के खिलाफ निकाली रैली
वॉकथॉन में एमबीबीएस, बीडीएस, पैरामेडिकल, डेंटल नर्सिंग छात्रों का दिखा उत्साह
लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। केजीएमयूके माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंट के खिलाफ जनजागरूकता अभियान चलाया गया। मंगलवार को एएमआर के खिलाफ जागरूकता वॉकथॉन का आयोजन किया।जिसमें एमबीबीएस, बीडीएस, पैरामेडिकल, डेंटल, नर्सिंग छात्रों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया। वहीं जागरूकता रैली को प्रो. अपजीत कौर प्रो-वाइस चांसलरऔर प्रो. अमिता जैन डीन अकादमिक्स एवं प्रमुख माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने झंडी दिखाकर रवाना किया। बता दें कि इस वॉकथॉन का उद्देश्य एएमआर के वैश्विक स्वास्थ्य खतरे और तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता को उजागर करना था।साथ ही
प्रो. अपजीत कौर ने कहा कि एएमआर से निपटने के लिए सभी क्षेत्रों के सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। संस्थान अपने छात्रों को जागरूकता और कार्रवाई के लिए प्रेरित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो भविष्य के स्वास्थ्य नेतृत्वकर्ता हैं। इसी क्रम में
प्रो. अमिता जैन ने कहा कि एएमआर एक मूक महामारी है, जो स्वास्थ्य सेवा में दशकों की प्रगति को खतरे में डाल सकती है। इस वॉकथॉन के माध्यम से हम एंटीबायोटिक्स की प्रभावशीलता को आने वाली पीढ़ियों के लिए बनाए रखने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी को प्रेरित करने की आशा करते हैं। कार्यक्रम में प्रो. विमला वेंकटेश, प्रो. आरके दीक्षित, प्रो. आरके गर्ग, प्रो. हैदर अब्बास, प्रो. आरके कल्याण, प्रो. प्रशांत गुप्ता, प्रो. संदीप भट्टाचार्य, प्रो. अंजू अग्रवाल, प्रो. अमिता पांडेय, डॉ. दर्शन बजाज, डॉ. मोना, डॉ. राजीव मिश्रा, डॉ. सुरुचि, डॉ. श्रुति और अन्य डॉक्टर शामिल रहे।
प्रो. विमला वेंकटेश आयोजन अध्यक्ष ने कहा एंटीबायोटिक्स का दुरुपयोग दुनिया भर में प्रतिरोध को बढ़ावा दे रहा है। यह महत्वपूर्ण है कि छात्र, जो भविष्य के चिकित्सक और प्रिस्क्राइबर हैं, तर्कसंगत एंटीबायोटिक उपयोग के माध्यम से एएमआर से लड़ने में अपनी भूमिका समझें। वहीं
डॉ. शीतल वर्मा, आयोजन सचिव ने कहा कि
यह वॉकथॉन केवल एक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि जिम्मेदार एंटीमाइक्रोबियल प्रथाओं के लिए शिक्षित और वकालत करने के लिए एक आंदोलन है। हम एक साथ मिलकर एक स्वस्थ भविष्य की दिशा में कार्रवाई कर सकते हैं।
यह वॉकथॉन प्रशासनिक भवन से शुरू होकर परिसर के प्रमुख क्षेत्रों से होते हुए काफिला पुनः यथा स्थान पर आकर समापन किया गया।