मरीज के स्वस्थ करने में डाइटिशियन की होती अहम भूमिका – प्रो. सीएम सिंह
आरएमएल में राष्ट्रीय आहार दिवस के उपलक्ष्य में संगोष्ठी
लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में राष्ट्रीय आहार दिवस पर संगोष्ठी आयोजित की गई। बता दें कि संस्थान के डायटिटक्स विभाग द्वारा राष्ट्रीय आहार दिवस प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। जिसमे ”आईसीयू में पोषण समर्थनः चुनौतियाँ और सर्वोत्तम प्रथाएं ” विषय पर चर्चा की गयी। वहीं संगोष्ठी का शुभारम्भ संस्थान के निदेशक प्रो. सीएम सिंह द्वारा दीप प्रज्वलल्ति कर किया गया। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. अजय कुमार सिंह, डीन, प्रो. प्रदुम्मन सिंह, प्रो.पीके दास, विभागााध्यक्ष,ए नेस्थीसिया विभाग, प्रो. विक्रम सिंह, चिकित्सा अधीक्षक, प्रो.अफजल अजीम, क्रिटिकल केयर विभाग, एसजीपीजीआई, डा.पूनम तिवारी,चीफ डाइटिशियन लोहिया संस्थान, प्रो. भुवन चन्द तिवारी, मीडिया प्रभारी, संकाय सदस्य, कर्मचारी एवं संगोष्ठी में पंजीकृत डाइटिशियन उपस्थित रहीं। साथ ही संगोष्ठी के दौरान लोगों को फल की टोकरी देकर स्वागत किया गया। इसी क्रम में मुख्य अतिथि संस्थान के निदेशक प्रो. सीएम सिंह ने सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय आहार दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी के लिए विभाग को बधाई दी। उन्होंने समय के साथ चिकित्सा जगत में डाइटिशियन की बढ़ती महत्वपूर्ण भूमिका पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि किसी भी मरीज के स्वस्थ होने में एक डाइटिशियन की अहम भूमिका होती है और उन्होंने विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। संगोष्ठी के वक्ता प्रो अफजाल अजीम ने गंभीर देखभाल में पोषण संबंधी निदान और स्क्रीनिंग व्यावहारिक दृष्टिकोण विषय पर अपने अनुभव बताएं। उन्होंने पोषण और मृत्यु दर का जोखिम, सामान्य पोषण मूल्यांकन, कुपोषण पर वैश्विक नेतृत्व पहल, आईसीयू रोगियों के लिए स्क्रीनिंग उपकरण, न्यूट्रिक स्कोर, व्यक्तिक वैश्विक मूल्यांकन जैसे विषयों को प्रस्तुतीकरण के माध्यम से सरलता पूर्वक समझाया। प्रो पीके दास ने गंभीर देखभाल वाले रोगियों और एकमो थेरेपी पर चल रहे रोगियों में पोषण संबंधी देखभाल किस प्रकार की जाए विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया। जिसमें उन्होंने गंभीर मरीजों में पोषण सहायता क्या है के बारे में बताया। उन्होंने पोषण का अपर्याप्त सेवन आईसीयू के मरीजों में कुपोषण का कारण बनती है विषय पर भी विस्तार पूर्वक जानकारी दीं गंभीर मरीजों में पोषण क्यों आवश्यक है इस पर भी जानकारी दी और ईएन का क्या महत्व है और वह क्यों जरूरी है और किस तरह से उपलब्ध है के बारे में भी बताया।संगोष्ठी के अंत में एक परिचर्चा का आयोजन किया गया।