आम्बेडकर महासभा में मना संविधान दिवस
लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। आम्बेडकर हार्ड वेयर बुद्धिज्म का संगम है। आम्बेडकर महासभा प्रेरणा स्थल है। संविधान की ताकत पैदा करने के लिए निष्ठावान, समर्पण भाव रखना होगा। समाज में कितनी उथल पुथल हो जाए इससे घबराने की जरुरत नहीं है। यह बातें मंगलवार को बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर महासभा द्वारा संविधान दिवस पर आयोजित सचिवालय संघ अध्यक्ष अर्जुन देव भारती ने कही। उन्होंने कहा कि संविधान के कारण दलितों एवं महिलाओं को वोट का अधिकार मिला।
इसी क्रम में बतौर मुख्य अतिथि सदस्य विधान परिषद एवं पूर्व अध्यक्ष उप्र अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम डॉ लालजी प्रसाद निर्मल ने सम्बोधित करते हुए कहा कि संविधान और आरक्षण कभी समाप्त नहीं होंगे। उन्होने कहा कि जब तक यह देश रहेगा तब तक संविधान और आरक्षण भी रहेगा। डा. निर्मल ने कहा कि संविधान और आरक्षण की समाप्ति का भय उन लोगों ने पैदा किया जो खुद आरक्षण और डा. आंबेडकर के प्रबल विरोधी है। कुछ लोगों ने डा. आंबेडकर को भारत रत्न तक नहीं दिया तथा पिछड़े वर्गो के गठित काका कालेलकर आयोग तथा मंडल आयोग की संस्तुतियों को लाग नहीं किया गया। डा. निर्मल ने कहा कि अनुच्छेद 17 के द्वारा डा. आंबेडकर ने अस्पृश्यताा के अंत की व्यवस्था की। अनुच्देद 330 के द्वारा संसद और विधान सभाओं में आरक्षण की व्यवस्था की, अनुच्छेद 16(4) और अनुच्छेद 335 के माध्यम से सरकारी सेवा में दलितों के आरक्षण की व्यवस्था की। उन्होंने कहा कि संविधान भारत की आत्मा है। आज संविधान दिवस पर संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया।साथ ही
उप्र अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के उपाध्यक्ष विश्वनाथ ने संविधान दिवस पर सरकारी स्तर पर लोकभवन में विशेष आयोजन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया। वहीं कार्यक्रम की शुरुआत तीसरा पंचशील दो हज़ार नेक राम बौद्ध के द्वारा किया गया। वहीं
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डा. आंबेडकर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद सरोज ने कहा कि संविधान दलितों की लाइफ लाइन है। कार्यक्रम का संचालन डा. आंबेडकर महासभा के संगठन मंत्री रामचन्द्र पटेल ने किया।
इस मौके पर पूर्व जज जगदीश, पीसी कुरील महामंत्री डा आरआर जैसवार अमरनाथ प्रजापति, सर्वेश पाटिल, संजय कन्नौजिया, डा. सत्यादोहरे, रचना चन्द्रा, सावित्री चौधरी, अब्दुल नसीर राजेश सिद्धार्थ कमला बौद्ध उपस्थित रहे। जिसमें बच्चों ने मंच पर मनमोहक प्रस्तुति पेश की।