68 महिलाओं को मासिक धर्म अनियमितता व बाँझपन से मिली निजात
यूनानी उपचार से दर्जनों घरों में गूंजी किलकारी
लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। महिलाओं के मासिक धर्म अनियमितता व बाँझपन पर चल रहे शोध कार्य से दर्जनों मरीज लाभान्वित हुए हैं। राजधानी के औरंगाबाद स्थित राजकीय तकमिल उत्तीब यूनानी अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मनीराम सिंह के निर्देशन में मासिक धर्म अनियमितता व बाँझपन पर चल रहे शोध कार्य से मरीज लाभान्वित हो रहें हैं। बुधवार को मासिक धर्म अनियमितता व बाँझपन से 68 महिलाओं को निजात मिलने पर समरोह का आयोजन किया गया। जिसमें मरीजों ने रोग से निजात मिलने पर अपनी ख़ुशी जाहिर करते हुए 32 वर्षीय महिला पिंकी ने डॉक्टर सिंह का आभार जताया। ज्ञात हो कि महिला रोगी पिंकी को सेकेंडरी एमेनोरिया और प्राथमिक बांझपन की शिकायत थी, तथा उसका विवाहित जीवन 8 वर्षों का था। उसकी स्थिति का निदान द्विपक्षीय ट्यूबल ब्लॉकेज के रूप में किया गया, जिसकी पुष्टि हिस्टेरोसाल्पिंगोग्राफी के माध्यम से की गई। इस चुनौती को डॉ मनीराम सिंह ने स्वीकार्य कर निदान किया और उसके मासिक धर्म चक्र को नियमित करने में सफलता हासिल की।ऐसी स्थिति में घटनाओं के एक असाधारण मोड़ में रोगी का मूत्र गर्भावस्था परीक्षण अब सकारात्मक आया है, जो उसके प्रारंभिक निदान को झुठलाता है। डॉ. मनीराम सिंह की प्रभावी उपचार रणनीति को रेखांकित करता है, जो रोगी और उसके परिवार के लिए अपार खुशी प्रदान की ।महिला रोगी ने कहा कि डॉ सिंह द्वारा देखभाल में उनके अमूल्य योगदान और जीवन को बदलने के प्रति उनके समर्पण के लिए मैं आभार व्यक्त करती हूँ। वहीं साथ ही इस इस उपलब्धि के लिए नए साल के उपलक्ष्य में विभाग के कर्मचारियों और पीजी विद्वानों द्वारा डॉ सिंह को समारोह के लिए आमंत्रित किया। बता दें कि मासिक धर्म अनियमितता शोध कार्य की शुरुआत बीते वर्ष 2023 में स्त्री एवं प्रसूति विभागाध्यक्ष डॉ मनीराम सिंह द्वारा लगभग 400 महिलाओं पर शोध कार्य की शुरुआत गयी थी जो लगातार मरीजों को लाभान्वित करने कार्य कर रहें हैं। जिससे बाँझपन जैसी बीमारी से छुटकारा दिलाने का कार्य करते हुए लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाने का भी दायित्व निभा रहें। यूनानी चिकित्सा पद्धति बीमारी से निजात दिलाने की विश्वसनीयता को प्रमाणित कर रही है। इससे मरीजों को यूनानी ,उपचार में विश्वास बढ़ रहा है।