उत्तर प्रदेशजीवनशैली

 डॉक्टरों ने दिव्यांगों को बताए उनके अधिकार 

दिव्यागों को मिलने वाली सरकारी, गैर सरकारी सुविधाओं के प्रति किया जागरूक 

 

 लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में डॉक्टरों ने दिव्यांगों को उनके अधिकार बताकर सजग किया । मंगलवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के भौतिक चिकित्सा एवं पुनर्वास विभाग ने निदेशक प्रो. सीएम सिंह के मार्गदर्शन में अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस मनाया। इस मौके पर लगभग 25 दिव्यांग सहित उनके परिजन मौजूद रहे । जिसमें दिव्यांगता,संभावित,केवल शारीरिक,मानसिक, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक, व्यावसायिक, अवकाशकालीन जीवन के पहलुओं को भी शामिल किया गया। उन्हें भारत सरकार और राज्य सरकारों के साथ-साथ गैर सरकारी संगठनों की ओर से मिलने वाले लाभों और सुविधाओं के बारे में भी जागरूक किया गया। वहीं

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा एक समावेशी और टिकाऊ भविष्य के लिए विकलांग व्यक्तियों के नेतृत्व को बढ़ावा देना थीम के तहत पीएमआर विभाग प्रमुख प्रो. वीएस गोगिया ने इस दुनिया को सार्वभौमिक रूप से सुलभ और दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाने पर जोर दिया ताकि हर कोई खुशी से रह सके और समाज में समान रूप से योगदान करने के लिए सशक्त हो सके। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अस्पताल, हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, बसें, सार्वजनिक शौचालय, बैंक और एटीएम काउंटरआदि जैसे सार्वजनिक स्थान सार्वभौमिक रूप से सुलभ होने चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में लगभग 10-15 फीसदी आबादी लगभग 1.5 बिलियन में से 15-20 मिलियन एक या अन्य विकलांगता के साथ रहती है। उन्होंने अपने इलाज किए गए रोगियों के कई उदाहरणों का हवाला दिया, जिन्होंने दिव्यांगता के बावजूद समय रिहैबिलिटेशन के द्वारा अपनी क्षमताओं को बढाकर, अपने पेशेवर करियर में उत्कृष्टता और नेतृत्वकी भूमिकाएं हासिल की। जिसमें शेखर सिंह पेशे से वकील हैं और उन्होंने अच्छी गतिशीलता हासिल की है और अपने पेशेवर मामलों और संपत्तियों को लगभग स्वतंत्र रूप से देख रहे हैं।जबकि दूसरे मोहम्मद सरीम को 2017 में 11वीं कक्षा में रहते हुए चोट लगी थी।अब वह राजनीति विज्ञान में एमए कर रहे हैं। उनका चयन बिहार सरकार के अधीन शिक्षक की नौकरी के लिए भी हुआ है। इसी क्रम में संस्थान पीएमआर विभाग के एसोसिएट प्रो.यशवीर सिंह ने बताया कि भारत में एक हज़ार और लगभग 20 पीएमआर विशेषज्ञ उत्तर प्रदेश में काम कर रहे हैं। वर्तमान में केवल एक संस्थान पीएमआर पाठ्यक्रम में एमडी प्रदान कर रहा है और उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन पांच मेडिकल कॉलेजों में पीएमआर विभाग हैं।

डॉ. सिह ने कहा कि एनएमसी और भारत सरकार को पीएमआर विभाग और पीएमआर विशेषज्ञों को बढ़ाने के लिए पहल करनी चाहिए ताकि हम अपने समाज की आबादी के इस बड़े समूह को पुनर्वास प्रबंधन प्रदान कर सकें। डॉ यशवीर ने बताया कि भारत सरकार ने दिव्यांगता शब्द को बदलकर दिव्यांगजन करने की सकारात्मक पहल की है – जिसमें बीमारी के बजाय अंग को दिव्यता से परिभाषित किया गया है।

पीएमआर विभाग में पुनर्वास सामाजिक कार्यकर्ता अमित कुमार ने दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार प्रावधानों के बारे में जागरूक किया।

पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डॉसुधी कुलश्रेष्ठ ने दिव्यांग व्यक्तियों के बहु आयामी मनोवैज्ञानिक पहलुओं को संबोधित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। जसदीप कौर संस्थापक और प्रबंध ट्रस्टी, किक्क फाउंडेशन ने दिव्यांग लोगों के लिए परिवर्तनकारी शिक्षा पर जोर दिया और उन्हें याद दिलाया कि उन्हें दिव्यांगता के नकारात्मक विचारों में इतना नहीं उलझना चाहिए कि वे अपनी क्षमताओं पर ध्यान देना भूल जाएं।

इस अवसर पर न्यूरोलॉजी विभाग के प्रो.दिनकरकुल श्रेष्ठ ने नेतृत्वकी उन भूमिकाओं पर जोर दिया जो विकलांग व्यक्ति समय परपीएमआर ईलाज के साथ हासिल कर सकते हैं।उन्होंने पीएमआर टीम और इसके प्रमुख, पीएमआर विशेषज्ञ डॉक्टरों के काम काज के बारे में भी जानकारी दी। ज्ञात हो कि संस्थान में ईएनटी विभाग विकलांग व्यक्तियों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के संबंध में 3 से 10 दिसंबर तक श्रवण दोष और विकलांगता और इसके उपचार पुनर्वास के बारे में जागरूकता अभियान भी चला रहा है।पीएमआर विभाग विकलांग व्यक्तियों के पुनर्वास में भी सहयोग कर रहा है।

प्रो.गोगिया ने कहा कि पीएमआरआधुनिक एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति की एक शाखा है, जिसका उद्देश्य शारीरिक अक्षमताओं या विकलांगताओं वाले लोगों की कार्यात्मक क्षमता और जीवन की गुणवत्ता को बढ़ानाऔर बहाल करना है। पीएमआर विभाग उत्तर प्रदेशका एक मात्र पीएमआर विभाग है, जिसमें न्यूरोलॉजिकल रोगियों स्ट्रोक, दर्दनाकमस्तिष्ककीचोट, रीढ़ की हड्डी की चोट, पार्किंसनिज़्म, आदि के लिए रोबोटिक रिहैबिलिटेशन कीसुविधा उपलब्धहै।पीएमआर विभाग विशेष रिहैबिलिटेशन क्लिनिक चलाता है। जिसमें दर्दप्रबंधन,बालविकलांगता, खेलचोटों, कार्डियो-पल्मोनरीबीमारियों, कैंसर, न्यूरो-मस्कुलो-कंकाल की स्थितियों को कवर करने वाले विशेष पुनर्वा सचिकित्सा सुविधा उपलब्ध है।

प्रो. गोगिया ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान परीक्षा बोर्ड की न्यूरो रिहैबिलिटेशन फेलोशिप, फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन में एमडी कोर्स शुरू करने की योजना पर काम चल रहा है। इसकेअलावा राज्य में पहली समर्पित इन डोर कैंसर रिहैबिलिटेशन सुविधा शुरू करने की भी योजना बनाई जा रही है।

दिव्यांग व्यक्ति सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक संस्थान पीएमआर ओपीडी द्वारा जारी फोन नंबर +91-522-6692127 पर संपर्क कर सकते हैं।

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