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 मुख्यमंत्री ने टीबी मुक्त भारत बनाने को सेवानिवृत्त अधिकारियों को निःक्षय मित्र की दी जिम्मेदारी

निःक्षय पोषण योजना से 27 लाख टीबी मरीजों को भेजी धनराशि 

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। भारत को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए सेवानिवृत्त अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गयी है। गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ’टीबी मुक्त भारत’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में पहल करते हुए उन्होंने सेवानिवृत्त आईएएस एवं आईपीएस अधिकारियों, विश्वविद्यालयों के पूर्व कुलपतिगण,शिक्षाविदों व अन्य वरिष्ठ नागरिकों को ’निःक्षय मित्र’ की बड़ी जिम्मेदारी दी है। निःक्षय मित्र’ के रूप में यह वरिष्ठ नागरिक ’टीबी उन्मूलन’ के लिए जनजागरूकता का प्रसार करने में सहयोग करेंगे। वहीं मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर सभी के साथ बैठक के दौरान टीबी मुक्त उत्तर प्रदेश अभियान को सफल बनाने के लिए सहयोग का आह्वान किया।विशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने सेवानिवृत्त आईएएस एवं आईपीएस अधिकारियों और पूर्व कुलपतिगण का स्वागत करते हुए, उन्हें प्रधानमंत्री के ’टीबी मुक्त भारत’ के संकल्प के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्वस्थ भारत से ही समर्थ भारत का निर्माण सम्भव है। जब भारत समर्थ होगा तभी शक्तिशाली बनेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2030 तक विश्व को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसे मिशन मोड में आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने भारत के लिए वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व में सबसे अधिक टीबी के मरीज भारत में हैं। भारत को टीबी मुक्त करने के लिए देश में सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में टीबी उन्मूलन अनिवार्य है। उन्होंने टीबी उन्मूलन की दिशा में पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश में हुए प्रयासों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में टीबी रोगियों की जाँच पहले के मुकाबले चार गुना हो गयी है। नैट एवं एक्सरे मशीनों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। प्रदेश में टीबी उपचार की सफलता दर पिछले चार वर्षों में 79 प्रतिशत से बढ़कर 92 प्रतिशत हो गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निःक्षय पोषण योजनान्तर्गत डीबीटी के माध्यम से लगभग 27 लाख टीबी रोगियों के खाते में 775 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान हो चुका है। इसी तरह, फेफड़े के टीबी रोगियों के साथ रहने वालों को टीबी रोग न हो इसके लिए उन्हें टीबी से बचाव का उपचार दिया जा रहा है। टीबी उन्मूलन पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अब तक 45 हजार से अधिक निःक्षय मित्रों द्वारा टीबी रोगियों को गोद लिया गया है और प्रदेश की 1372 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है। मुख्यमंत्री ने सभी से सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि आप सभी ने लम्बे समय तक समाज के बीच कार्य किया है। सभी सुदीर्घ अनुभव रखते हैं। अब सेवानिवृत्ति के बाद आप सभी इस राष्ट्रीय मिशन में सहयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह सबका साझा दायित्व है कि कोई भी टीबी का रोगी छूटने न पाये और जिनको भी टीबी से ग्रसित पाया जाये, उनको तत्काल सही और निरन्तर चिकित्सा उपचार उपलब्ध कराया जाये। उनको अतिरिक्त पोषण उपलब्ध कराया जाए और कोई न कोई निःक्षय मित्र उनसे जुड़कर उनका सहारा बने। इसके साथ ही उनके परिवार के शेष सदस्यों की भी जांच कराकर उचित चिकित्सा परामर्श एवं उपचार उपलब्ध कराया जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि टीबी रोगी समाज का अंग हैं, समाज में उनको सम्मान प्रदान कराया जाना, हम सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए। निःक्षय मित्र के रूप में सभी सेवानिवृत्त आईएएस तथा आईपीएस अधिकारी और पूर्व कुलपतिगण टीबी मरीजों को गोद लें, उन्हें उपचार के बारे में जानकारी दें और समुचित सहायता उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन अभियान का मुख्य उद्देश्य टीबी के लापता रोगियों को खोजना, टीबी की मृत्यु दर को कम करना एवं स्वस्थ व्यक्तियों को टीबी के संक्रमण से बचाना है। प्रदेश को टीबी मुक्त करने के लिए प्रदेश सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध है और प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के लिए समाज के सभी वर्गों की भागीदारी अति आवश्यक है। बैठक में उपस्थित सभी सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारियों और कुलपति ने मुख्यमंत्री के आह्वान के लिए उनके प्रति आभार जताया और सहयोग के लिए शपथ ली।

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