डॉक्टरों ने 4 दिन के बच्चें की सर्जरी कर,दी नई जिंदगी
अस्पताल निदेशक ने डॉक्टरों की टीम को दी बधाई
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लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। बलरामपुर चिकित्सालय के डॉक्टरों ने 4 दिन के बच्चें की सफल सर्जरी कर नई जिंदगी प्रदान की है। राजधानी के नरही निवासी फारून का 4 दिन का बेटा जन्म से ही रीड की हड्डी में एक असाध्य रोग म्येलो मेनिंगोसेले विथ लिपमा से ग्रसित था और दोनो पैर हिल रहे थे। इसके अलावा दिमाग़ का पानी रिस रहा था। जिससे विशेषज्ञों का मानना है कि इस बच्चें के दोनो पैर में फालिस पड़ सकता था, और दिमागी बुखार के कारण जान जाने का खतरा बन गया था। बच्चें के पिता फारून असहाय होकर अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉ विनोद तिवारी को ओपीडी में दिखाने पहुंचे। जहाँ डॉ तिवारी ने ऑपरेशन बीते 30 दिसंबर को करने में सफलता अर्जित की। बता दें कि छोटा बच्चा और पीठ मे रसौली होने के कारण स्पाइनल कॉर्ड की एमआरआई भी नही हो पायी थी। डॉक्टरों द्वारा उसको काट के निकाल दिया गया, कूल्हे की हड्डी का टुकड़ा वहां लगाया गया और जिससे वोह हड्डी बाहर न निकले,उस टुकड़े को टाइटेनियम की प्लेट से जोड़ा गया। वहीं डॉ विनोद तिवारी ने इसे एक चैलेंज के रूप मे लिया और बेहोशी के हेड ऑफ़ द डिपार्टमेंट डॉ एमपी सिंह से बात कर के बीते कल के ऑपरेशन थिएटर मे पोस्ट किया था। चिकित्स्कों ने इस चुनौतीपूर्ण कार्य को करने की ठानी एवं शल्य क्रिया की तैयारी शुरू की । डॉ विनोद तिवारी का कहना है कि बेहोसी वालों के लिए तो और बड़ा चैलेंज था यह 4 दिन का बच्चे का केस क्योंकि ऑपरेशन ही एक मात्र उपाय था, और बच्चे की उम्र मात्र 4 दिन थी। उससे भी गंभीर स्थिति थी की दिमाग़ का पानी रिस रहा था। जिससे प्रतिघंटे दिमागी बुखार होने के चान्सेस बढ़ते जा रहे थे। सर्जरी टीम में न्यूरोसर्जन डॉ विनोद तिवारी एवं बेहोसी चिकित्सा टीम एचओडी डॉ एमपी सिंह , डॉ मिर्ज़ा , डॉ सीपी सिंह,डॉ पीयूष ,डॉ जूही ने सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया। वहीं अस्पताल न्यूरोसर्जन डॉ. विनोद कुमार बताया की ऑपरेशन को बहुत सधे हुए तरीके और माइक्रोस्कोप की मदद से करना होता है अन्यथा किसी भी समय 4 दिन के बच्चे की बहुत ही नाजुक नसें कट सकती हैं। टीम में सिस्टर्स निर्मला मिश्रा, उर्मिला सिंह, ऋषि, स्टाफ गिरीश, राजू शामिल रहे। तीन घंटे चले ऑपरेशन के बाद आईसीयू में भर्ती रोगी बिलकुल स्वस्थ है तथा दोनो पैर चला रहा है। इस उपलब्धि के लिए अस्पताल निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर सुशील प्रकाश ने समस्त टीम को बधाई देते हुए कहा कि इस रोग से मरीज़ के दोनो पैरों का फालिश पड़ने का खतरा और दिमागी बुखार से मौत हो जाती है, अगर समय पर इलाज,ऑपरेशन ना किया जाये तो, भले ही उम्र कितनी भी हो।साथ ही सीएमएस डॉ संजय और एमएस डॉ हिमांशु ने पूरी टीम को बधाई दी।