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आरएमएल में हेमेटोकॉन 2025 पूर्व कार्यशालायें

कार्यशालाओं में लगभग 30-30 प्रतिभागी रहे मौजूद

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। हीमोग्लोबिन विकारों के निदान के लिए कार्यशाला आयोजित की गयी।

गुरुवार को भारतीय हेमेटोलॉजी एवं रक्त आधान सोसाइटी (ISHBT) के 66वें वार्षिक सम्मेलन हेमेटोकॉन 2025 के अंतर्गत पूर्व कार्यशालाएं डॉ. राम मनोहर लोहिया चिकित्सा विज्ञान संस्थान के पैथोलॉजी विभाग में आयोजित की गईं।

वहीं संस्थान के निदेशक प्रो. सीएम सिंह तथा पैथोलॉजी विभाग की प्रमुख प्रो. नुजहत हुसैन के संरक्षण में किया गया। जिसमें दो समानांतर कार्यशालाएं “हीमोग्लोबिनोपैथी निदान” और “लिंफोमा मॉर्फोलॉजी एवं इम्यूनोहिस्टोकेमिस्ट्री”आयोजित की गईं।

हीमोग्लोबिनोपैथी निदान कार्यशाला का समन्वय प्रो.नम्रता पी. अवस्थी, प्रोफेसर, पैथोलॉजी एवं प्रमुख, क्लिनिकल हेमेटोलॉजी द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में थैलेसीमिया और सिकल सेल रोग जैसे हीमोग्लोबिन विकारों के निदान के लिए एचपीएलसी और आणविक तकनीकों पर विशेषज्ञ सत्र आयोजित किए गए।

लिंफोमा मॉर्फोलॉजी एवं इम्यूनोहिस्टोकेमिस्ट्री कार्यशाला का समन्वय प्रो. प्रद्युम्न सिंह, डीन एवं प्रोफेसर, पैथोलॉजी द्वारा किया गया। इसमें देश के प्रमुख विशेषज्ञों ने 22-हेडर माइक्रोस्कोपी के माध्यम से लिंफोमा निदान के रूपात्मक एवं इम्यूनोहिस्टोकेमिकल पहलुओं पर लाइव केस चर्चा एवं विशेषज्ञ व्याख्यान प्रस्तुत किए।

दोनों कार्यशालाओं में लगभग 30-30 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने सत्रों की शैक्षणिक गुणवत्ता और व्यावहारिक उपयोगिता की सराहना की।

इन कार्यशालाओं ने हेमेटोकॉन 2025 के मुख्य सम्मेलन की सफल शुरुआत को सशक्त आधार प्रदान किया।

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