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ऊर्जा मंत्री ने सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो का लिया संज्ञान

अधीक्षण अभियंता पर गिरी गाज

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। बिजली अधीक्षण अभियंता पर आखिरकार गाज गिर गयी। रविवार को

उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बस्ती के अधीक्षण अभियंता प्रशांत सिंह और मूडघाट बस्ती के उपभोक्ता भरत पांडे के मध्य विद्युत आपूर्ति को लेकर हुई बातचीत के ऑडियो का सोशल मीडिया में वायरल ऑडियो का त्वरित संज्ञान लेकर बस्ती के अधीक्षण अभियंता प्रशांत सिंह पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शम्भु कुमार ने बस्ती के अधीक्षण अभियंता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में अधीक्षण अभियंता पूर्वांचल के प्रबंध निदेशक कार्यालय, वाराणसी से संबंध रहेंगे।

बस्ती के निलंबित अधीक्षण अभियंता पर विद्युत आपूर्ति को लेकर फोन पर उपभोक्ता से अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने, उपभोक्ता की शिकायत का निस्तारण न कराने तथा कर्तव्यों एवं उत्तरदायित्वों में घोर लापरवाही बरतने के प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर शख्त कार्रवाई की गई और उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई संस्तुति की जा रही।

ऊर्जा मंत्री ने विद्युत विभाग के सभी कार्मिकों को सख्त निर्देश दिए है कि उपभोक्ताओं एवं जनप्रतिनिधियों से मर्यादित व्यवहार न करने, कार्यों के प्रति उदासीनता एवं किसी भी प्रकार की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उपभोक्ताओं की समस्याओं का तत्काल समाधान न करने वाले कार्मिकों पर सख्त एवं दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ‘उपभोक्ता देवो भवः’ की नीति को सर्वोपरि रखते हुए कार्य कर रही है।सरकार की मंशा सभी उपभोक्ताओं को निर्धारित शेड्यूल के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण एवं अनवरत विद्युत आपूर्ति देना है, इसमें किसी भी प्रकार की बहानेबाजी अब नहीं चलेगी। पॉवर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष से लेकर निचले स्तर तक के कार्मिकों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।

प्रदेश के विकास में बाधा बन रहे कार्मिकों की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी। अब लो वोल्टेज, बार-बार ट्रिपिंग, शटडाउन व अनावश्यक बिजली कटौती बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विगत 03 वर्षों से विद्युत व्यवस्था में सुधार के लिए 26 हजार करोड रुपए से अधिक के कार्य कराए गए है।

लेकिन कुछ कार्मिकों की संवेदनहीनता और लापरवाही की बदौलत विद्युत विभाग के साथ प्रदेश सरकार की बदनामी हो रही। प्रदेश के विकास व उपभोक्ताओं के हितों के दृष्टिगत अब यह सब स्वीकार नहीं होगा।

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