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राज्यपाल ने जिला कारागार का किया भ्रमण

महिला बंदियों से किया सीधा संवाद

 

संवाददाता – गंगेश पाठक

लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। उत्तर प्रदेश राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने दो दिवसीय पीलीभीत जनपद भ्रमण के दौरान जिला कारागार का निरीक्षण किया। बुधवार को उन्होंने कारागार परिसर में स्थापित सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन, सेनेटरी डिस्ट्रॉयर मशीन, एलईडी टीवी तथा वाटर कूलर का फीता काटकर उद्घाटन किया और कहा कि ठंडा पानी पीना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, लेकिन पानी की बर्बादी हर हाल में रोकी जानी चाहिए।

निरीक्षण के दौरान राज्यपाल ने महिला बंदियों को साड़ी और फल की टोकरी भेंट की। उन्होंने महिला बंदियों और स्कूली छात्र-छात्राओं से संवाद करते हुए कहा कि बच्चों को अनुशासन के साथ जीवन जीना सीखना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से जेल भ्रमण के दौरान देखी गई व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली और उनसे कहा कि वे इस अनुभव पर आधारित निबंध लिखकर राजभवन भेजें। राज्यपाल ने बच्चों को उपहार भी भेंट किए और उन्हें भविष्य में पुनः जेल भ्रमण करने तथा महिला बंदियों से संवाद के माध्यम से उनके जीवन को समझने की प्रेरणा दी।

राज्यपाल ने बच्चों से जेल में बंदियों के भोजन, स्वच्छता और अन्य व्यवस्थाओं के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिया कि विद्यार्थियों को थाना परिसरों का भी भ्रमण कराया जाए, जिससे वे पुलिस व्यवस्था को निकट से समझ सकें। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जाना अत्यंत आवश्यक है।

उन्होंने कारागार प्रशासन को निर्देशित किया कि बंदियों को मानसिक शांति एवं नैतिक जागरूकता के लिए धार्मिक एवं आध्यात्मिक चैनल दिखाए जाएं। दहेज प्रथा की चर्चा करते हुए उन्होंने इसे गंभीर सामाजिक अपराध बताया और कहा कि इसे समाप्त करने के लिए समाज में व्यापक स्तर पर जागरूकता की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सास को अपनी बहू को बेटी के समान समझना चाहिए, तभी समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा।

राज्यपाल ने कहा कि नारी सशक्तिकरण की दिशा में देशभर में निरंतर कार्य हो रहा है। इसी क्रम में उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसे बंदियों की सूची तैयार कर उन्हें उपलब्ध कराई जाए जिनकी आयु 65 वर्ष से अधिक है, या जिनकी शेष सजा दो-तीन वर्ष बची है और जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं।

महिला बंदियों से संवाद करते हुए राज्यपाल ने उन्हें जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा दी और कहा कि वे मन में बदले की भावना न रखें। रिहाई के बाद वे एक अच्छा, सम्मानजनक जीवन जीने का प्रयास करें और विकसित भारत के निर्माण में अपना योगदान दें।

कार्यक्रम के अंत में जिलाधिकारी ज्ञानेन्द्र सिंह ने आश्वस्त किया कि राज्यपाल द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का गंभीरता से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। इस अवसर पर जिलाधिकारी ज्ञानेन्द्र सिंह, पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव एवं जेल अधीक्षक राजेश पाण्डेय सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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