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भारतीय सेना की सूर्यदेव भूमि चैलेंज की शुरुआत

हिमालय गढ़वाल में भव्य एक्सपो का उद्घाटन

 

देहरादून, उत्तराखंड।उत्तर प्रदेश। लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। भारतीय सेना सूर्यदेव भूमि चैलेंज की शुरुआत की गयी। जिसकी आधिकारिक शुरुआत 17 अप्रैल को हरसिल में आयोजित एक रोमांचक एक्सपो और शुक्रवार को नेलांग घाटी में भव्य उद्घाटन समारोह के साथ की गयी। उत्तराखंड पर्यटन और रेडियो मिर्ची के सहयोग से भारतीय सेना की सूर्या कमान द्वारा आयोजित इस असाधारण कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तराखंड के लुभावने गढ़वाल क्षेत्र में रोमांच, विरासत और सतत विकास का मिश्रण करना है।

सूर्य देव भूमि चैलेंज भारत का अपनी तरह का पहला धीरज कार्यक्रम है। जिसमें साइकिलिंग और ट्रेल रनिंग को एक चुनौतीपूर्ण अभियान में एकीकृत किया गया है, जो 18 से 20 अप्रैल तक तीन दिनों तक चलेगा। प्रतिभागी जीवंत सांस्कृतिक परिदृश्यों में घूमेंगे और अपनी शारीरिक सहनशक्ति और मानसिक लचीलेपन का परीक्षण करते हुए उत्तराखंड की समृद्ध विरासत का अनुभव करेंगे।

कार्यक्रमों में..

साइकिलिंग अभियान 18 अप्रैल को 110 किमी का रूट (नेलांग – गंगोत्री – हरसिल – भटवारी) ,ट्रेल रनिंग 19 अप्रैल को 37 किमी का रूट (भटवारी – बुद्ध केदार) ,ट्रेल + वैली रन-20 अप्रैल को 40 किमी का कुल रूट (घुट्टू – त्रियुगीनारायण – सोनप्रयाग) होगा। वहीं

उद्घाटन समारोह में उत्तर भारत क्षेत्र मुख्यालय के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल डीजी मिश्रा ने सेना, नागरिक प्रशासन और स्थानीय समुदायों के सहयोगात्मक प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा “यह पहल न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा बल्कि राष्ट्र निर्माण के लिए भी भारतीय सेना की अटूट प्रतिबद्धता का उदाहरण है। हमें हिमालय को स्थायी अवसर के केंद्र में बदलने में उत्तराखंड के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने पर गर्व है।

सूर्या देव भूमि चैलेंज के प्रमुख उद्देश्यों में ऐतिहासिक पुराने चार धाम मार्ग को पुनर्जीवित करना, साहसिक और शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देना, वाइब्रेंट विलेज स्कीम और रिवर्स माइग्रेशन का समर्थन करना और सतत विकास के लिए नागरिक-सैन्य भागीदारी को बढ़ावा देना शामिल है। इस असाधारण आयोजन ने राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया है। जिसमें जमीनी स्तर पर विकास और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण पर जोर देते हुए साहसिक भावना का जश्न मनाया गया है। चैलेंज को उत्तराखंड पर्यटन, रेडियो मिर्ची (मीडिया एसोसिएट), उत्तरकाशी, नई टिहरी, रुद्रप्रयाग के जिला प्रशासन, स्थानीय पंचायतों और सामुदायिक स्वयंसेवकों सहित विभिन्न हितधारकों द्वारा समर्थन दिया गया है।

जैसे ही प्रतिभागी इस कठिन यात्रा पर निकलते हैं, पूरे गढ़वाल क्षेत्र में उत्साह और गर्व की लहर दौड़ जाती है। सूर्य देवभूमि चैलेंज 2025 सिर्फ़ एक इवेंट नहीं है; यह भारत को उसके प्राचीन मार्गों, लचीले समुदायों और रोमांच की असीम भावना से फिर से जोड़ने के लिए समर्पित एक आंदोलन भी है।

 

 

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