मैक्स हॉस्पिटल में खाना खाने से दर्जनों छात्राएं बीमार, मचा हड़कंप
खाद्य सुरक्षा की टीम खाना पानी के लिए सैंपल

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। मरीजों को चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर वाले स्वास्थ्य कर्मी स्वयं बीमार हो जाए तो दूर दराज से आने वाले मरीजों को आखिर कैसे उपचार मिल सकेगा। जहाँ पर स्वास्थ्य कर्मियों को ही विषाक्त भोजन परोसकर दर्जनों छात्र बीमार हो जाए और अस्पताल को जानकारी ही न हो तो यह कमी जग जाहिर होती है।
मामला सहारा हॉस्पिटल से बना मैक्स हॉस्पिटल में जीएनएम की पढ़ाई कर रही छात्राओं को विषाक्त भोजन परोसने का है। मंगलवार को मैक्स हॉस्पिटल में दर्जनों छात्राएं कैंटीन में खाना खाने से बीमार हो गए और उन्हें अस्पताल के मैनेजमेंट द्वारा अस्पताल की ओपीडी में भर्ती कर चिकित्सा उपचार करना पड़ा।
वहीं सूत्रों का कहना है कि मायरा कैंटीन चलाने वाले बाहरी लोगों को दिया गया हैं।जिसमें खाना खाने से दर्जनों छात्र बीमार हो गए। ऐसे में अस्पताल की व्यवस्थाओं पर कई सवाल उठते हैं, जब बाहरी लोगों को कैंटीन चलाने का जिम्मेदारी दी जाएगी है तो फिर खाने की गुणवत्ता की जाँच करने की जिम्मेदारी आखिर किसकी होगी। जिस तरह से छात्राओं को खाना परोसा गया और एक बाद एक बीमार होना शुरू हो गए।
ज्ञात हो कि ऐसे बीते दिनों राजधानी के मोहान रोड स्थित रिहैब सेंटर में सैकड़ो बच्चें विषाक्त भोजन करके बीमार हुए और जिन्हें नजदीकी लोकबंधु अस्पताल व अन्य अस्पतालो में भर्ती कर इलाज प्रदान किया गया था। जिसमें प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं अस्पताल जाकर बच्चों से हालचाल लेने पहुंचे थे। ऐसे में खाने की गुणवत्ता पर नजर रखने की किसकी जिम्मेदारी है,उसे तय करना पड़ेगा।
जिससे विषाक्त भोजन के दुष्परिणामों से लोगों को बचाया जा सके। वहीं मैक्स हॉस्पिटल (सहारा नर्सिंग कॉलेज) की प्रधानाचार्य रोज़िली निर्मल ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि सहारा नर्सिंग कॉलेज, जो मैक्स अस्पताल परिसर में स्थित है। जिसमें 26 छात्र-छात्राएं कल दोपहर बीमार हो गए थे। अस्पताल में मौजूद 200 से अधिक लोगों के साथ नाश्ता किया था। इनमें से 19 छात्रों का बीमार होने पर इलाज ओपीडी में किया गया है। जबकि 7 छात्रों को डिहाइड्रेशन के कारण भर्ती कर उपचार दिया गया। सभी छात्रों के आज शाम तक अस्पताल से छुट्टी मिलने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि
अस्पताल प्रशासन ने इस घटना के कारणों का पता लगाने के लिए खाने और पानी के नमूनों की जांच के लिए भेज दिया है। इसके अलावा सीएमओ द्वारा जाँच टीम गठित की गयी है। ऐसे ही राजधानी में कई मामले सामने आये और जाँच नमूने लेने की कार्रवाई तो देखी गयी। जिसमें रिपोर्ट आने तक सब रफादफा कर दिया गया। जिससे जिम्मेदारी निभाने वाले बचकर निकल जाते हैं उन पर कार्रवाई नहीं हो पाती है।
मैक्स अस्पताल छात्राएं बीमार होने के मामले की जांचोंपरांत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
डॉ. एनबी सिंह
मुख्य चिकित्साधिकारी लखनऊ