इप्सेफ के प्रयास से देश भर के कर्मचारियों की अधिकांश मांगे पूरी

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। कर्मचारियों के हित के लिए लगातार इप्सेफ की लड़ाई जारी रही। जिसका परिणाम अब देखने को मिलने लगा है। शुक्रवार को इंडियन पब्लिक सर्विस इम्प्लाईज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्र ने अवगत कराया है कि वर्ष 2012 में इप्सेफ का गठन हुआ था। इप्सेफ के प्रयास से यूपीए सरकार में 7वें वेतन आयोग का गठन कराया गया था और एनडीए सरकार में उसे केन्द्र सरकार में लागू किया गया और उसके बाद लगभग सभी राज्यों में लागू कराया गया। राज्यों में केन्द्र की भांति संवर्गों का पुनर्गठन कराया गया था। सेवा नियमावली बनवायी गयी। अभी भी कुछ राज्यों में पुनर्गठन की प्रक्रिया जारी है।उत्तर प्रदेश में कुछ पदों के उच्चीकृत करके केन्द्र से भी ज्यादा वेतनमान मिल रहा है। इसके बाद इप्सेफ के प्रयास से 30 जून व 31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को एक अतिरिक्त इन्क्रीमेन्ट देने का निर्णय कराया गया जो सभी राज्यों में भी लागू हो गया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार पर दबाव बनाकर निर्धारत समय पर महंगाई भत्ते की किस्त का भुगतान कराया गया। कोविड काल की बकाया धनराशि का भुगतान कराने का प्रयास किया जा रहा है। श्री मिश्र ने बताया कि एनपीएस,यूपीएस में आने वाले कर्मचारियों को ओपीएस की सभी सुविधाएं देने का पूर्व प्रयास किया जा रहा है। इस सरकार में भारत सरकार रक्षामंत्री राजनाथ सिंह एवं कैबिनेट सचिव से बातचीत हुई है विश्वास है कि सभी कमियां दूर हो जायेंगी।इप्सेफ के प्रयास से ही आयकर में 12 75 लाख तक वाले कर्मचारियों को आयकर नहीं देना पड़ेगा।आउटसोर्सिंग,संविदा कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा, न्यूनतम वेतन, जिसमें वेतन वृद्धि एवं विनियमतीकरण करने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ हद तक सफलता मिली भी है। रिक्त पदों पर नियमित भर्ती कराने का भी सैद्वांतिक निर्णय हुआ है। वीपी मिश्र ने कर्मचारियों को आश्वस्त किया है कि उनके हर एक सुख-दुख में इप्सेफ उनके साथ है।अनुरोध है कि प्रत्येक राज्य में इप्सेफ को सशक्त बनाये। जिससे वह कर्मचारियों के हर समस्या का समाधान कराने में पूर्ण सक्षम है। इप्सेफ का वादा है कि कर्मचारियों की हर समस्या का समाधान करने का पूर्ण सहयोग करेगा।