पौधों की सिंचाई के साथ हो समुचित रखरखाव- डॉ सक्सेना
रोपित पौधों की सुरक्षा व सिंचाई में न हो कोई लापरवाही
- वन विभाग मुख्यालय पर बैठक, मंत्री ने दिए निर्देश
लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। पौधों के रखरखाव और सिंचाई सुरक्षा को लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए। बुधवार को वन विभाग मुख्यालय के सभा कक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में राज्य मंत्री वन, जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन डॉ. अरुण कुमार सक्सेना की अध्यक्षता में जिला वृक्षारोपण समिति द्वारा वृक्षारोपण के रखरखाव पर शासनादेश जारी किया गया ।
जारी शासनादेश में पौधारोपण के पश्चात सफलता सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा, सिंचाई तथा समुचित रखरखाव और वन संरक्षकों द्वारा अर्न्तप्रभागीय जांच दलों से वन विभाग के विभागीय वृक्षारोपणों का स्थलीय सत्यापन। वन विभाग की विभागीय अनुश्रवण शाखा द्वारा तीसरे व चौथे वर्ष वृक्षारोपण की सफलता का आकलन। वन विभाग द्वारा कराए गए वृक्षारोपण का स्तरीय सत्यापन करना शामिल है।
उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी द्वारा जिला वृक्षारोपण समिति के माध्यम से अंतर्विभागीय जांच समितियां का गठन कर अथवा सेक्टर एवं जोनल अधिकारी नामित करने की अध्याविधिक स्थित शामिल है। वहीं मंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि शासनादेश में दी गई व्यवस्था के अनुरूप विभाग द्वारा किए गए वृक्षारोपण क्षेत्रों का सत्यापन विषयगत शासनादेश की व्यवस्था के अनुरूप वन संरक्षकों द्वारा अर्न्तप्रभागीय जांच दलों से, विभागीय अनुश्रवण शाखा द्वारा विशेष सर्वेक्षण करना और कुल वृक्षारोपण स्थलों में से न्यूनतम 5 प्रतिशत स्थलीय मंडल स्तरीय जोनल अधिकारी द्वारा सत्यापन करना है । इसके अलावा अन्य विभागों द्वारा कराए गए वृक्षारोपण का स्थलीय सत्यापन,जिला वृक्षारोपण समिति के माध्यम से अंतर विभागीय जांच समितियां गठित कर अथवा सेक्टर एवं जोनल अधिकारी नामित कर कराया जाए।
इसी क्रम में उन्होंने कहा कि उन्होंने निर्देश दिया कि फील्ड निरीक्षण को प्रभावी बनाया जाय,अन्तर्विभागीय सत्यापन की रिपोर्ट नियमित रूप से वन मुख्यालय को करायी जाय और रोपित स्थलों की सुरक्षा व सिंचाई में कोई लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए। बैठक में प्रमुख सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष , प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव, प्रबंध निदेशक,वन निगम एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक अनुसंधान प्रशिक्षण एवं समस्त जनपदों के प्रभागीय वनाधिकारी, उप प्रभागीय वनाधिकारी एवं प्रभाग के समस्त क्षेत्रीय वनाधिकारियों ने ऑनलाइन में शामिल रहे।