ट्रॉमा सर्जरी जल्द होगी रोबोटिक से लैस – डॉ संदीप तिवारी
9 को ब्रजेश पाठक, मयंकेश्वर शरण सिंह ट्रामा सर्जरी के 14 वें सम्मलेन का करेंगे शुभारम्भ
- ट्रामा सर्जरी के तीन दिवसीय सम्मेलन में देश दुनिया के डॉक्टरों का जमावड़ा
लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। ट्रामा सर्जरी बहुत जल्द ही रोबोटिक से लैस होगा । इसके लिए संस्थान द्वारा शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है।मरीजों को अत्याधुनिक विधि के द्वारा त्वरित उपचार देने के बारे में विचार विमर्श किया जायेगा ।
यह जानकारी बुधवार को केजीएमयू ट्रॉमा सर्जरी विभाग ट्रॉमा द्वारा होने जा रहा 14 वें सम्मेलन से पूर्व ट्रामा सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. संदीप तिवारी ने प्रेस वार्ता के दौरान दी। उन्होंने बताया कि ट्रामा सर्जरी विभाग द्वारा इंडियन सोसाइटी ऑफ ट्रॉमा एंड एक्यूट केयर वार्षिक सम्मेलन और आईएसटीएसी के दूसरे वार्षिक सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
यह सम्मेलन 8 नवंबर यानि शुक्रवार से आरम्भ होकर 10 नवंबर रविवार तक चलेगा। डॉ तिवारी ने कहा कि 9 नवंबर को मुख्य अतिथि के रूप में उप्र के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, विशिष्ट अतिथि मयंकेश्वर शरण सिंह राज्य मंत्री चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु कल्याण सम्मेलन का शुभरम्भ करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में देश दुनिया के डॉक्टर शामिल होने जा रहें हैं। जिसमें प्रमुखता से ट्रामा सर्जरी में आने वाले मरीजों को और बेहतर उपचार प्रदान करने पर जानकारियां और सुझाव को शामिल किया गया है। यह सम्मेलन संस्थान के अटल बिहारी वाजपेयी कन्वेंशन सेंटर किया जा रहा है।
जिसमें प्रसिद्ध संकाय सदस्य जैसे डॉ. मयूर नारायण यूएसए, डॉ. ओलिविया यूएसए, डॉ. डैन व्हाइटली यूएसए, डॉ. एमसी मिश्रा भारत, प्रो.सुषमा सागर एम्स, नई दिल्ली, प्रो. सुबोध कुमार एम्स, नई दिल्ली, प्रो. अमित गुप्ता एम्स, नई दिल्ली व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे। अंतर्दृष्टि साझा करेंगे और कार्यशालाओं में भाग लेंगे।
मुख्य विशेषताओं में..
8 नवंबर कार्यशाला में आघात और गंभीर देखभाल में आवश्यक कौशल,तकनीकों को शामिल किया जाएगा। ट्रॉमा वेंटीलेटरी प्रबंधन में ट्रॉमा देखभाल में वेंटीलेटरी समर्थन के बुनियादी सिद्धांतों ट्रॉमा रोगियों के लिए हाथों से वेंटीलेटर संचालन और प्रबंधन तकनीक शामिल है।
प्वाइंट-ऑफ-केयर अल्ट्रासाउंड और ट्रॉमा अल्ट्रासोनोलॉजी और सीटी स्कैन तेजी से निदान और निगरानी पर विशेष ध्यान देने के साथ, ट्रॉमा मूल्यांकन में अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन अनुप्रयोगों में विशेषज्ञता बनाने के लिए एक केंद्रित सत्र चलेगा।
हँड्स-ऑन टेंडन और वैस्कुलर रिपेयर एक व्यावहारिक कार्यशाला जो प्रतिभागियों को टेंडन और वैस्कुलर रिपेयर तकनीकों का प्रदर्शन करने की अनुमति देती है, जो नाजुक और सटीक हस्तक्षेप की आवश्यकता वाली आघात सर्जरी के लिए आवश्यक हैं।
रिब फिक्सेशन, हड्डियों के बाहरी निर्धारण और मेम्बिबल फिक्सेशन के साथ कैडवेरिक थोरैकोटॉमी और लैपरोटॉमी यह कार्यशाला प्रतिभागियों को रिब फिक्सेशन, लंबी हड्डियों के बाहरी निर्धारण और आघात के मामलों में मेम्बिबल फिक्सेशन जैसी जटिल प्रक्रियाओं का अभ्यास करने की अनुमति देने के लिए कैडवेरिक मॉडल का उपयोग करेगी। वक्ष और पेट आघात सर्जरी की गहराई से समझ प्रदान करेगी।
नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए, यह कार्यशाला आवश्यक आघात सहायता कौशल और विशेष रूप से उनकी भूमिकाओं के अनुरूप रोगी प्रबंधन रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करेगी। 9 नवंबर को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ट्रॉमा विशेषज्ञों के नेतृत्व वाले सत्रों के साथ शुरू होगा।
आघात प्रबंधन, तीव्र देखभाल और रोगी केंद्रित प्रथाओं में प्रगति की खोज करने वाले सत्रों के साथ, उपस्थित लोगों को आघात और गंभीर देखभाल में कुछ प्रतिभाशाली दिमागों से अंतर्दृष्टि प्राप्त होगी। विषयों में आपातकालीन सर्जरी में सर्वोत्तम अभ्यास, महत्वपूर्ण देखभाल नवाचार और आघात उपचार में प्रगति शामिल है।
डॉ तिवारी ने बताया कि 10 नवंबर को पहली बार एमबीबीएस छात्रों के लिए एक समर्पित कार्यशाला की मेजबानी कर रहा है। जिसका उद्देश्य स्नातक मेडिकल छात्रों को आघात देखभाल के लिए आवश्यक मौलिक कौशल से अवगत करना है। एमबीबीएस कार्यशाला बुनियादी आघात जीवन-बचत कौशल को कवर करेगी और आघात प्रबंधन सिद्धांतों के परिचय के रूप में काम करेगी।
प्रतिभागियों को तकनीकों में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त होगा। वहीं इस सम्मेलन में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के एक प्रतिष्ठित संकाय शामिल रहेंगे। जिसमें डॉ. मयूर नारायण के अलावा, डॉ. ओलिविया, डॉ. डैन व्हाइटली और डॉ. एमसी मिश्रा समेत भारत और विदेश से कई अन्य वक्ता मौजूद रहेंगे