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एचआईवी एड्स रोकथाम को कार्यशाला की शुरआत

 देशभर के स्वास्थ्य विशेषज्ञ हुए शामिल

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। एचआईवी एड्स की रोकथाम के लिए कार्यशाला की शुरुआत की गयी। मंगलवार को उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के सहयोग से तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला की शुरुआत विश्वविद्यालय सभागार में की। वहीं कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए रमेश श्रीवास्तव संयुक्त निदेशक, यूपीसैक्स ने बताया कि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत 1992 में हुई थी और इसका वर्तमान में चल रहा पांचवां चरण मार्च 2026 तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला एनएसीपी-6 की आधारशिला रखेगी और इसकी कार्ययोजना को मजबूत करने में सहायक होगी। कार्यशाला में 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की एड्स नियंत्रण सोसाइटी से राज्य स्तर पर नामित पीयर एजुकेटर्स एवं स्वास्थ्य अधिकारियों सहित कुल 210 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला का उद्देश्य राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत एचआईवी रोकथाम के लिए प्रभावी रणनीति तैयार करना और सेवाओं को बेहतर बनाने के तरीकों पर चर्चा करना है। इसमें जमीनी स्तर पर काम करने वाले लोगों ने अपने अनुभव साझा किए। इसके साथ ही इन अनुभवों के आधार पर प्रिवेंशन समिट के लिए सुझाव जुटाए जा रहे हैं ताकि आगे की कार्ययोजना तय की जा सकें । कल कार्यशाला में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, भारत सरकार की अपर सचिव एवं महानिदेशक वी हेकाली झिमोमी, संयुक्त सचिव लता गणपति, यूपीएसएसीएस की परियोजना निदेशक अमृता सोनी एवं अपर परियोजना निदेशक रविंद्र कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे। कार्यशाला के दौरान नाको के अधिकारी डॉ. साईंप्रसाद भावसार ने बताया कि अब तक 17,22,000 एचआईवी संक्रमित लोगों की पहचान कर उन्हें इलाज दिया जा रहा है। हालांकि अब भी 7 से 8 लाख ऐसे लोग हैं, जिन्हें यह पता ही नहीं है कि वे एचआईवी संक्रमित हैं। उन्होंने कहा कि हमारा सबसे बड़ा लक्ष्य जोखिमग्रस्त समूहों तक प्रभावी रोकथाम सेवाएं पहुंचाकर वार्षिक नए एचआईवी संक्रमण में 80 प्रतिशत तक की कमी लाना है। कार्यशाला के पहले दिन एचआईवी रोकथाम में सहकर्मी नेतृत्व की भूमिका, विभिन्न राज्यों में चल रही प्रभावी पहल और मौजूदा चुनौतियों पर गहन चर्चा की गई। समूह चर्चाओं और प्रस्तुतियों के माध्यम से विभिन्न राज्यों के पीयर एजुकेटर्स ने अपने अनुभव साझा किए | इस अवसर पर नाको से डॉ. शांतनु कुमार और यूपीसैक्स से डॉ. गीता अग्रवाल, डॉ. संजय सोलंकी, डॉ. अभिषेक सिंह, आशुतोष गौतम भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की समस्त व्यवस्था का संचालन अम्बेडकर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कमल जैसवाल और यूवी किरण ने संभाला।

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