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फायर सेफ्टी रिस्क मैनेजमेंट विषय पर कार्यशाला

अग्निशमन व आपातकालीन सेवा में तैनात अधिकारी रहे मौजूद 

 

 लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। गर्मी की दस्तक शुरू होते ही आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए कार्यशाला आयोजित की गयी। शुक्रवार को उप्र राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा फायर सेफ्टी एंड रिस्क मैनेजमेंट विषय पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला जल एंव भूमि प्रबंधन संस्थान में किया गया। जिसे उप्र राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेन्द्र डिमरी, पीवीएसएम, एवीएसएम, बीएसएम की अध्यक्षता में किया गया। कार्यशाला का शुभारम्भ प‌द्मजा चैहान, आईपीएस, एडीजी, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन का कार्य इन्टीग्रेटेड अप्रोच के आधार पर है, जिसमें सभी विभागों के सहयोग एवं समन्वय की आवश्यकता पड़ती है। इस प्रकार के प्रशिक्षण से सभी विभागों को अपने कार्यों एवं दायित्व की जानकारी प्राप्त होती है। कार्यशाला में प्रदेश के अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं विभाग के मुख्य अग्निशमन अधिकारी, अग्निशमन द्वितीय अधिकारी, लीडिंग फायरमैन तथा राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा महावि‌द्यालय, नागपुर, सहित 100 अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यशाला में अनिमेश सिंह, मुख्य अग्निशमन अधिकारी (मुख्यालय) द्वारा उप्र अग्निशमन आपात सेवा अधिनियम-2022 पर चर्चा की गई एवं विगत वर्षों में अग्निकांड की केस स्टडी तथा बांसमण्डी जनपद कानपुर अग्निकाण्ड केस स्टडी पर प्रतिभागियों को जानकारी प्रदान की गई। साथ ही अजय कुमार गुप्ता, कमाण्डेन्ट, अग्निशमन प्रशिक्षण केन्द्र, उन्नाव ने स्कूल, अस्पताल, विभागीय कार्यालय, औ‌द्योगिक क्षेत्र इत्यादि के संवेदनशीलता विश्लेषण और जोखिम न्यूनीकरण पर चर्चा की। यूनीसेफ उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधि मनोज कुमार द्वारा समुदाय स्तर पर अग्नि दुर्घटना से तैयारी एवं न्यूनीकरण पर जानकारी दी गयी। मुख्यालय यूपी-112 से दिनेश कुमार पुरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ऑपरेशन) द्वारा अग्नि दुर्घटना में यूपी-112 के संचालन एवं कार्य प्रणालियों के बारे में बताया गया। प्रमोद शर्मा, मुख्य अग्निशमन अधिकारी मुख्यालय द्वारा महाकुम्भ के दौरान अग्नि आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र पर विस्तृत चर्चा की गयी। नगर एवं ग्राम्य नियोजन विभाग के प्रतिनिधि द्वारा भवनों की संरचनात्मक सुरक्षा और भवन उपनियमों के बारे में बताया गया। कार्यशाला के समापन सत्र में उपाध्यक्ष ने समस्त अधिकारियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि उत्तर प्रदेश अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाओं के अधिकारियों के लिये यह प्रशिक्षण आत्ममंथन तथा अग्निशमन के कार्यों में आ रही चुनौतियों को स्वीकार करने तथा नागरिकों की सुरक्षा के लिए आगे का मार्ग निर्धारित करने में सहयोगी साबित होगा। बड़ी घटनाओं के दौरान उन्नत तकनीक और सही योजना से हम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। अग्नि सुरक्षा, हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। प्रदेश में अत्याधुनिक उपकरण एवं स्किल्ड फोर्स उपलब्ध है, जोकि आपदाओं के न्यूनीकरण एवं त्वरित रीस्पान्स के लिए पूर्णता तैयार है। कार्यक्रम का संचालन प्रवीन किशोर, प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर (ट्रेनिंग) द्वारा किया गया। प्रशिक्षण में उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की तरफ से प्रोजेक्ट एक्सपर्ट (सिस्मोलॉजी) मानवेन्द्र प्रताप सिंह तथा एवं समस्त परियोजना एक्सपर्ट उपस्थित रहे।

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