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पश्चिमी देश दुनिया को मानते बाजार – डॉ. सिंह

प्रान्तीय प्रधानाचार्य प्रशिक्षण वर्ग की शुरुआत 

 

संवाददाता गंगेश पाठक

लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। सरस्वती विद्या मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, विवेकानंद नगर, सुलतानपुर के प्रांगण में आज विद्या भारती से सम्बद्ध भारतीय शिक्षा समिति, पूर्वी उत्तर प्रदेश, काशी प्रान्त के दस दिवसीय प्रान्तीय प्रधानाचार्य प्रशिक्षण वर्ग 2025 का शुभारंभ हुआ। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए अरविन्द सोसायटी की राष्ट्रीय कोर समिति के सदस्य, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सुलतानपुर विभाग के कुटुम्ब प्रबोधन संयोजक और वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. जेपी सिंह ने कहा कि “वसुधैव कुटुम्बकम्” भारत का पूरे विश्व को दिया हुआ एक अमूल्य उपहार है।

उन्होंने कहा कि जहाँ पश्चिमी देश दुनिया को केवल एक बाजार मानते हैं और लाभ-हानि के गणित से संचालित होते हैं, वहीं भारत प्रेम, समर्पण और आध्यात्मिकता का पोषक है, जो हिन्दू धर्म, सनातन परंपरा और वैदिक संस्कृति से पोषित होता है। डॉ. सिंह ने कहा कि विद्या भारती न केवल शिक्षा देती है, बल्कि छात्रों को संस्कारों के साथ आध्यात्मिक दिशा में उन्मुख करती है।

उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्य की भूमिका केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि मानसिक, प्राणिक और आध्यात्मिक दक्षता की भी अपेक्षा रखती है, जो केवल डिग्री से नहीं, बल्कि साधना और तप से प्राप्त होती है। विद्यालय भी एक परिवार की तरह सामंजस्य चाहता है और श्रीमद्भगवद्गीता में ज्ञान, बुद्धि और धैर्य को समन्वय के तीन मंत्र बताया गया है। जीवन में समस्याएं और प्रसन्नता साथ-साथ आती हैं, ऐसे में धैर्य नहीं खोना चाहिए।

उन्होंने कहा कि स्वसुख की व्यस्तता व्यक्ति को संत्रस्त करती है, इसलिए वैयक्तिक स्वार्थों से ऊपर उठकर संस्था और समाज के हित में कार्य करना चाहिए। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रशासनिक कार्यों में समस्याएं आती हैं, इसलिए थोड़ा कूटनीतिक दृष्टिकोण भी आवश्यक है। उन्होंने क्रमबद्धता, अनुशासन और विनम्रता को जीवन की आवश्यक साधना बताते हुए कहा कि अगर सीमित संसाधनों में छात्रों में असीमित सुधार लाया गया तो यही प्रधानाचार्य की सबसे बड़ी सफलता होगी।

उद्घाटन सत्र में वर्गपालक कंचन सिंह (अध्यक्ष, भारतीय शिक्षा समिति पूर्वी उत्तर प्रदेश), प्रदेश निरीक्षक शेषधर द्विवेदी तथा काशी प्रान्त के सभी प्रधानाचार्य उपस्थित रहे। अतिथियों का परिचय बांकेबिहारी पाण्डेय (प्रधानाचार्य, रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या मन्दिर, प्रयागराज) ने कराया और स्वागत व सम्मान विद्यालय के प्रधानाचार्य राकेश मणि त्रिपाठी द्वारा किया गया। वर्ग का संचालन वर्ग संयोजक सुमन्त पाण्डेय एवं बौद्धिक प्रमुख इन्द्रजीत त्रिपाठी की देखरेख में किया गया।

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