उत्तर प्रदेशधर्म-अध्यात्मराष्ट्रीय

रामकृष्ण मठ में चौथे दिन विधि विधान से कन्या पूजन

देवी माँ के वाहकों की पूजा, भक्ति गीत संगीत की प्रस्तुति

 

 लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। नवरात्रि महापर्व की अष्टमी पर कन्या पूजन किया गया। मंगलवार को निराला नगर स्थित रामकृष्ण मठ में 6 दिवसीय दुर्गा पूजा में मनाई जा रही है। वहीं चौथे दिन देवी दुर्गा की महाष्टमी पूजा सुबह 4:40 बजे मंगलारती के साथ शुरू हुई और उसके बाद शहनाई की धुन बजाई गई।

प्रातः 7ः15 बजे स्वामी मुक्तिनाथानंन्द महाराज द्वारा सत्प्रसंग (ऑनलाइन) प्रवचन दिया गया।

तत्पश्चात देवता की औपचारिक पूजा सुबह 6ः15 बजे महास्नान (एक छोटी पत्थर की छवि (वनलिंग) के रूप में देवता का विस्तृत स्नान) के साथ शुरू हुई। इस प्रक्रिया के लिए लगभग 50 स्रोतों से लाए गए पानी का उपयोग मंत्रों के उचित जाप के साथ किया गया था।

तत्पश्चात् लक्ष्मी, गणेश, सरस्वती, कार्तिक जैसे अपने सभी परिवार के सदस्यों के साथ-साथ उनके वाहकों जैसे सिंह, चूहा, उल्लू, हंस, मोर आदि के साथ देवी माँ के परिवार के कुल 83 सदस्यों की पूजा शास्त्रों के अनुसार की गई।

कोलकाता के असीम कुमार दत्त द्वारा भक्तिगीत की प्रस्तुति दी गई। उस दौरान भातखंडे संगीत संस्थान, लखनऊ के शुभम राज द्वारा तबला संगत किया गया।

 कन्या पूजन..

पंडाल में सुबह 9ः30 बजे से 10ः30 बजे तक बड़ी संख्या में भक्तों के बीच देवी माँ के सजीव स्वरूप के रूप में एक 5 वर्षीया कन्या को भव्य रूप से सजाया गया और पूजा की गई। कुमारी पूजा का साकेंतिक अर्थ है कि हमें घर और बाहर सभी महिलाओं के प्रति सम्मानजनक रवैया रखना चाहिए।

तत्पश्चात, पुष्पांजलि सुबह 11ः30 बजे आयोजित की गई। जिसमें दुनिया भर के वे जो भक्त पूजा में उपस्थित नही हो पाये उन्होंने हमारे यूट्यूब चैनल रामकृष्ण मठ लखनऊ के माध्यम से ऑनलाइन भाग लिया। इसके अलावा मठ परिसर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी मौजूद थे।

जिन्होंने पुजारी द्वारा कहे गए मंत्र को दोहराते हुए देवता को फूल, चंदन का लेप आदि चढ़ाते हुए पुष्पांजलि अर्पित की। तत्पश्चात सभी उपस्थितों को फल प्रसाद का वितरण किया गया। दोपहर 12:30 के बाद सभी भक्तों को पका हुआ भोग प्रसाद प्रदान किया गया।

पूरे 6 दिवसीय पूजा का सबसे महत्वपूर्ण मूहूर्त महाष्टमी सायं 05ः43 बजे से सायं 06ः31 बजे तक दुर्गा पूजा बड़ी तेजी के साथ संपन्न हुई। संधि पूजा का तात्पर्य है देवी द्वारा हमारी अंतर्निहित आसुरी प्रवृत्ति का विनाश एवं दैवी प्रवृत्ति का विकास।

संध्या कार्यक्रम में..

3 पुजारियों द्वारा देवता की संध्या आरती के बाद एक साथ स्तोत्र का पाठ किया गया और समूह में काली कीर्तन गाया गया।

देवी के रात्रि भोज के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम में सरोद वादन कोलकाता के द्वीप्तनील भट्टाचार्जी द्वारा सरोद वादन प्रस्तुत किया गया। उस दौरान तबले पर लखनऊ के जाने माने तबला वादक सुमित कुमार मल्लिक ने संगत दिया।

सरोद वादक एवं शिक्षक (मैहर सेनिया घराना) संगीत से जुड़े द्विप्तानिल भटृटाचार्जी ने अपने पिता आशिम भट्टाचार्य, जो स्वर्गीय प्रो. ध्यानेश खान के शिष्य थे, से संगीत की शिक्षा प्राप्त की।

स्वर सम्राट उस्ताद बाबा अली अकबर खान साहब ने 11 फरवरी, 1995 को कोलकाता में उन्हें “गंडा“ बाँधा। अब वे सरोद वादक उस्ताद आशीष खान के मार्गदर्शन में अपने संगीत व्यक्तित्व का विकास कर रहे हैं। वे देश-विदेश में विभिन्न संगीत सम्मेलनों में सरोद वादन करते रहे हैं।

वहीं तबला वादक सुमित कुमार मल्लिक ने देश भर में लगभग सभी प्रतिष्ठित संगीत कार्यक्रमों में भाग लिया है और आकाशवाणी और दूरदर्शन के नियमित कलाकार हैं। वर्तमान में स्टडी हॉल कॉलेज में संगीत शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं।

उनकी माता स्वर्गीय मंजूश्री मल्लिक और पिता स्वर्गीय सुनील मल्लिक द्वारा उत्तर भारतीय शास्त्रीय संगीत की शुरुआत की गई। उनके बड़े भाई सुसीम मल्लिक एक प्रसिद्ध सरोद वादक हैं। उन्होंने इलाहाबाद के स्वर्गीय प्रदीप मुखर्जी और प्रो. लालजी श्रीवास्तव से तबले की बारीकियां सीखीं। फर्रुखाबाद के अमर नाथ डे और बनारस घराने के पं. शीतल प्रसाद मिश्र से प्रशिक्षण प्राप्त किया है।

कल के कार्यक्रमों में..

नवमी पूजा कल यानि बुधवार को सुबह 6ः15 बजे से जारी रहेगी।

दोपहर 12ः30 बजे से प्रसाद वितरण किया जायेगा।

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