उत्तराखंड राज्यपाल ने सूर्या ड्रोन टेक का किया उद्घाटन
तकिनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के बढ़ते कदम, दो दिवसीय लगी प्रदर्शनी

देहरादून। उत्तराखंड। लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। टकनीकी क्षेत्र में भारत ने एक और कदम बढ़ा दिया है। मंगलवार को देहरादून छावनी के जसवंत ग्राउंड में आयोजित “सूर्या ड्रोन टेक 2025” का उद्घाटन उत्तराखंड राज्यपाल द्वारा किया गया।
इस अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता, जीओसी इन सी, सेंट्रल कमांड सहित अनेक सैन्य व असैन्य अधिकारी उपस्थित रहे। यह आयोजन भारत की रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।
भारतीय सेना की सेंट्रल कमांड द्वारा सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स के सहयोग से आयोजित यह दो दिवसीय प्रदर्शनी 29-30 अप्रैल तक देश में विकसित अत्याधुनिक ड्रोन प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित की जाएगी। सैन्य आवश्यकताओं के अनुरूप और “आत्मनिर्भर भारत” अभियान से सशक्त बनाएगा। वहीं
कार्यक्रम का शुभारंभ SIDM के अध्यक्ष के स्वागत भाषण से किया गया। जिसमें नवाचार, सहयोग और भविष्य की सैन्य आवश्यकताओं पर जोर दिया गया। साथ ही
ड्रोन प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति पर मिलिंद राज द्वारा विशेष व्याख्यान में कहा कि ड्रोन के रक्षा और नागरिक दोनों क्षेत्रों में परिवर्तनकारी प्रभाव को रेखांकित किया गया।
ले जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि अमानवीय प्रणालियाँ आज की रक्षा प्रणाली का अभिन्न अंग बन चुकी हैं। भारत रक्षा क्षेत्र में एक तकनीकी क्रांति के द्वार पर खड़ा है, और ‘सूर्या ड्रोन टेक 2025′ इस दिशा में सहयोग का प्रतीक साबित करता है। इसी क्रम में राज्यपाल ने सम्बोधित उभरती तकनीकों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, “ड्रोन प्रौद्योगिकी केवल रक्षा क्षेत्र ही नहीं, बल्कि कृषि, आपदा प्रबंधन और अवसंरचना जैसे क्षेत्रों में भी क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकती है।
नवाचार को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाना अत्यंत आवश्यक है, और मुझे गर्व है कि उत्तराखंड ऐसे भविष्यवादी और तकनीकी कार्यक्रम की मेजबानी कर रहा है। जिससे राज्य और देश दोनों को लाभ होगा। उन्होंने भारतीय सेना की मध्य कमान और SIDM के बीच सूर्य ड्रोन टेक के इस अति उन्नत तकनीकी और भविष्यात्मक सहयोग की प्रशंसा की और इसे भारत और भारतीय सेना को भविष्य में ले जाने वाला कदम बताया।
कार्यक्रम का आकर्षण “आधिकारिक उपकरण सूची” का विमोचन रहा। जिसमें ड्रोन नवाचार और क्षमता में नवीनतम प्रदर्शन किया गया। इस कार्यक्रम में गणमान्य व्यक्तियों के बीच स्मृति चिन्हों का आदान-प्रदान भी हुआ, जो सहयोग और तकनीकी उन्नति की भावना का प्रतीक है।
प्रदर्शनी की विशेष झलकियों में ड्रोन की लड़ाकू और प्रबंधन क्षमताओं पर आधारित लाइव डेमो के साथ आधुनिक युद्धक्षेत्र की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत किया गया। साथ ही मुख्य अतिथि द्वारा स्टॉलों का भ्रमण कर नवीनतम प्रणालियों का प्रत्यक्ष अवलोकन किया। जिसका मुख्य उद्देश्यों में ड्रोन प्रणालियों का गहन मूल्यांकन, संभावित रक्षा एकीकरण के लिए उच्च प्रदर्शन करने वाली प्रणालियों की पहचान, निर्माताओं को अपनी पेशकशों को परिष्कृत करने के लिए कार्रवाई योग्य फीडबैक शामिल है।
इस आयोजन से प्राप्त जानकारी भविष्य के अनुसंधान एवं विकास को दिशा देगी और रक्षा खरीद के लिए गुणवत्ता आवश्यकताओं (क्यूआर) को आकार देगी। जिससे भारतीय ड्रोनों की 24/7 तैनाती के लिए तत्परता को बल मिलेगा। समारोह में ले. जनरल नवीन सचदेवा, COS मध्य कमान, ले. जनरल संदीप जैन कमांडेंट, IMA, ले.जनरल डी जी मिश्रा, GOC, उत्तर भारत एरिया, मे. जनरल नवीन महाजन, GOC 14 इन्फन्ट्री डिवीजन और मे. जनरल आर प्रेमराज GOC उत्तराखंड सब एरिया भी शामिल हुए।
यह आयोजन न केवल भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता का परिचायक है, बल्कि यह रक्षा और प्रौद्योगिकी जगत के अग्रणी विशेषज्ञों के बीच संवाद एवं सहयोग को भी प्रोत्साहित करता है।