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ड्राइविंग लाइसेंस में हैकरो की सेंधमारी पर परिवहन विभाग हुआ सख्त

परिवहन आयुक्त ने एआरटीओ को दिए कार्रवाई के निर्देश

 

 

 

 लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में हैकरों द्वारा सेंधमारी पर परिवहन विभाग सख्त रुख अख्तियार कर लिया हैं। शुक्रवार को परिवहन आयुक्त बीएन सिंह ने हैकरों पर कार्रवाई करने के लिए एआरटीओ को स्पष्ट निर्देशित भी कर दिया है। बताते चले कि

उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग द्वारा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के निर्देशों के अनुसार प्रदेश में ऑनलाइन आधार प्रमाणीकरण आधारित कॉन्टैक्टलेस शिक्षार्थी लाइसेंस (Faceless LL) सुविधा लागू की गई है। इसमें आवेदक घर बैठे ही आधार प्रमाणीकरण तथा फेस ऑथेंटिकेशन के जरिए लाइसेंस टेस्ट दे सकता है।

हाल ही में ऑनलाइन शिक्षार्थी लाइसेंस व्यवस्था में साइबर धोखाधड़ी एवं सॉफ्टवेयर में अवैध सेंधमारी (हैकिंग) के दो गम्भीर मामलों ने विभाग को चौंका दिया है। जिसमें एक मामला लखनऊ के (ट्रांसगोमती विस्तार) और दूसरा मामला फतेहपुर जिले का है। वहीं ट्रांसगोमती कार्यालय से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार आवेदन संख्या 2824300025, आवेदक नाम-संतोष वर्मा जन्म तिथि 4 जून 2001 के ऑनलाइन लर्नर लाइसेंस टेस्ट में धोखाधड़ी की बात सामने आयी है।

धोखाधड़ी में अपनाएं गए एआई तरीके..

सबसे पहले आवेदक के आधार कार्ड की तस्वीर का उपयोग करके कृत्रिम इंटेलिजेंस (AI) द्वारा वीडियो बनाया गया। दूसरा तरीका AI वीडियो के माध्यम से फेस ऑथेंटिकेशन और लाइवनेस टेस्ट (पलक झपकाना आदि) को अवैध रूप से बायपास किया गया। तीसरा तरीका आवेदक के टेस्ट वॉयलेशन रिपोर्ट में “No Eye Blink Detected” जैसे असामान्य वॉयलेशन पाए गए। जिससे यह साबित हो गया कि आवेदनकर्ता स्वयं टेस्ट में मौजूद नहीं था।

फतेहपुर हैकर मामले में..

शिक्षार्थी लाइसेंस में आवेदक का नाम “फ्रॉड सेल ” तथा पिता का नाम “पेमेंट मत कर असरे ” जैसे संदिग्ध शब्द पाए गए। यह मामला सीधे तौर पर NIC के सारथी सॉफ्टवेयर सिस्टम में गंभीर सेंधमारी और धोखाधड़ी का संकेत पाया गया। जिसपर

परिवहन आयुक्त उत्तर प्रदेश ब्रजेश नारायण सिंह द्वारा बिना देरी किए दोनों मामलों को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए संबंधित ARTO को तत्काल कार्रवाई करने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं।

कार्रवाई करने के लिए जारी निर्देशों में..

दोनों मामलों के लर्निंग लाइसेंस तत्काल निरस्त करने के लिए आदेश जारी किए गए।

संबंधित साइबर कैफ़े,एजेंसी,व्यक्ति के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की सुसंगत धाराओं तथा (IT Act, 2000 की धारा 66C और 66D) के तहत तत्काल संबंधित थाने में FIR दर्ज कराने के लिए संबंधित एआरटीओ (ARTO ) को निर्देश दिए हैं। साथ ही

NIC और MoRTH को विस्तृत रिपोर्ट भेजकर भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सारथी सॉफ्टवेयर में आवश्यक सुरक्षा एवं तकनीकी सुधारों (OTP लॉगिन, फेस वेरीफिकेशन, लाइवनेस टेस्ट, IP ट्रैकिंग इत्यादि) के लिए आग्रह किया गया। इसके अलावा परिवहन विभाग के समस्त कार्यालयों में पूर्व में जारी शिक्षार्थी लाइसेंस में भी गहन जांच एवं व्यापक सुरक्षा ऑडिट के लिए निर्देश जारी किये गए हैं। वहीं

परिवहन विभाग का कहना है कि इस प्रकार की साइबर धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। विभाग नागरिक सुविधाओं के लिए प्रतिबद्ध है, परन्तु तकनीकी व्यवस्था का दुरुपयोग करने वाले दोषियों के विरुद्ध कठोरतम विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इसी क्रम में विभाग द्वारा

प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी गड़बड़ी या धोखाधड़ी की सूचना विभागीय हेल्पलाइन या आईजीआरएस पोर्टल पर तुरंत दर्ज कराएं।

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