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टैक्स अधिकारियों के अंधाधुंध नोटिस जारी होने से व्यापारियों में आक्रोश 

व्यापारियों ने राज्य कर आयुक्त वैट से मुलाक़ात कर,सौंपा ज्ञापन

 

लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में टैक्स अधिकारियों द्वारा व्यापारियों को लगातार नोटिस जारी करने से आक्रोश बढ़ने लगा है। सोमवार को लखनऊ व्यापार मण्डल के चेयरमैन राजेन्द्र कुमार अग्रवाल एवं अध्यक्ष अमरनाथ मिश्र ने राज्यकर आयुक्त वैट उप्र से मुलाकात कर व्यापारियों के साथ हो रहे उत्पीड़न के बारे में अवगत कराते हुए ज्ञापन सौपा। वहीं अध्यक्ष अमरनाथ मिश्र ने कहा कि

छोटी-छोटी त्रुटियों पर अधिकारियों द्वारा नोटिस भेज कर परेशान किया जा है। जबकि सबकुछ ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध है, फिर भी अधिकारियों के द्वारा मनावीय त्रुटियों पर भी नोटिस भेज दी जा रही है, यह न्यायोचित नहीं है। अध्यक्ष ने अवगत कराते हुए कहा कि हर मानवीय त्रुटि को अधिकारी सन्देहात्कम दृष्टि से देख कर व्यापारी को चोर साबित करने में लगे रहते है। जबकि व्यापारी इमानदारी के साथ अपना टैक्स भर रहा है। ई-बिल में कई बार त्रुटि होने पर व्यापारी को नया ई-बिल बनाना पड़ता है। ऐसे में कैन्सिल बिल देख कर नोटिस जारी करना उचित नहीं क्योकि जीएसटी लागू होने के बाद सारी जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध रहती है। ई-बिल कैन्सिल होने के कारण भी दर्शाया जाता है।

जीएसटी एक्ट में स्कुटनी उन्हीं लोगों की होती है। जिनको कम्प्यूटर साफ्टवेयर अपने आप चिन्हित करता है। उन्होंने कहा कि प्रमुख सचिव द्वारा राज्य में अधिकारियों को मौखिक आदेश देकर शत्-प्रतिशत स्कुटनी के लिए निर्देशित किये गये है।इसके बावजूद भी अधिकारियों द्वारा अंधाधुन्ध नोटिस जारी कर व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है जो एक्ट के विपरीत है। राज्य कर के अधिकारियों के द्वारा फैक्ट्री के बाहर डेरा डाले हुए है और कहते है व्यापारी बाहर से माल मंगाने पर चोरी करते है तो चेक पोस्ट किसने समाप्त की हर सीमा पर चेक पोस्ट होती थी, विभाग के द्वारा समाप्त किया गया। श्री मिश्र ने बताया कि आज व्यापारी के दरवाजे पर पहरा दे रहे है जो कि नाजायज है। यदि अधिकारियों के द्वारा उत्पीड़न इसी तरह होता रहा तो व्यापारी सड़क पर उतरकर आन्दोलन करने को बाघ्य हो जायेगा। जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

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