पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने आम्बेडकर सांस्कृतिक केन्द्र का लिया जायजा, दिए निर्देश
6 दिसंबर को मुख्यमंत्री आम्बेडकर स्मारक और सांस्कृतिक केंद्र का करेंगे लोकार्पण

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में आगामी दिसंबर माह में डॉ. भीमराव आम्बेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र का लोकार्पण किया जायेगा।
मंगलवार को उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने ऐशबाग स्थित भारत रत्न डा. भीमराव आम्बेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र का स्थलीय निरीक्षण किया। साथ ही उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश देते हुए कहा कि निर्माण संबंधी कमियों को दूर करते हुए 31 अक्टूबर, 2025 तक समस्त कार्य पूरा कर लिया जाए।
इस स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र का लोकार्पण बाबा साहब की परिनिर्वाण तिथि 6 दिसम्बर, 2025 को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। उन्होंने स्मारक के आसपास के सभी अतिक्रमण 14 मई तक हटाने के लिए स्थानीय प्रशासन नगर निगम, एलडीए तथा पुलिस विभाग को निर्देश दिये हैं। जयवीर सिंह ने स्मारक के संग्रहालय, डारमेट्री आदि का अवलोकन किया और छोटी मोटी कमियों को दूर करने के निर्देश दिये।
उन्होंने बाबा साहब का स्मरण करते हुए कहा कि देश के निर्माण में उनका अतुलनीय योगदान है। इस स्मारक से डा. भीमराव आम्बेडकर के अनुयायियों को ताकत और प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस स्मारक से उनके यादों को सहेजने का कार्य किया गया है। उनके जीवन से जुड़े सभी प्रसंगों को म्यूरल के माध्यम से दर्शाया गया है। जिससे आने वाली पीढ़ियां उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व से प्रेरणा ले सके।
निरीक्षण एवं समीक्षा बैठक के उपरांत मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज कल एक खास पार्टी डा. आम्बेडकर से ज्यादा लगाव प्रदर्शित कर रही है, जबकि उप्र में कई बार उनके सरकार के कार्यकाल में बाबा साहब के अनुयायियों की वजीफा रोका तथा शोषण, उत्पीड़न के साथ ही उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया तथा प्रोन्नति में आरक्षण में रोड़े अटकाये।
लाखों दलित कर्मचारियों, अधिकारियों का डिमोशन किया। यहां तक बाबा साहब के नाम पर बनाये गये जनपदों एवं संस्थाओं, स्मारकों के नाम बदल दिये गये। उसी दल के मुखिया डा.आम्बेडकर के चेहरे पर अपना चेहरा लगाकर उनके समकक्ष खड़ा होने का प्रयास कर रहे हैं। इसको लेकर बाबा साहब के अनुयायियों एवं दलितों में भारी आक्रोश है। जबकि योगी एवं मोदी की सरकार दलितों, वंचितों के कल्याण के लिए योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम किया है और संविधान निर्माता को सम्मान दिया है।
जयवीर सिंह ने कहा कि दलित वोटों के लिए कुछ लोग संविधान को सिर पर लेकर घूम रहे हैं, इसके अलावा बाबा साहब के घोर समर्थक बनने का प्रयास कर रहे हैं। आम्बेडकर के अनुयायी तथा दलित इनकी सच्चाई को भलीभांति जानते हैं। आम्बेडकर का अपमान करने वाले लोगों को उनके अनुयायी कभी माफ नहीं करेगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह स्मारक प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता में आते ही आम्बेडकर के जीवन से जुड़े स्थलों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित किया।
इन पंचतीर्थों पर लाखों आम्बेडकर के अनुयायी बाबा साहब को नमन करके उनसे प्रेरणा ग्रहण करते हैं। उन्होंने कहा कि योगी ने बाबा साहब के लोगों को सम्मान देते हुए इस स्मारक का निर्माण कराया है। जयवीर सिंह ने निरीक्षण के उपरांत कार्यदायी संस्थाओं यूपीपीसीएल, सीएनडीएस के प्रबंधकों को निर्देश दिये कि स्मारक के आसपास की सफाई एवं कचरा प्रबंधन की व्यवस्था की जाए। साथ ही स्मारक के चारों तरफ कैमरे लगाये जाए ताकि आवागमन में बाधा उत्पन्न करने वाले को चिन्हित करके कड़ी कार्रवाई की जाए।
उन्होंने एलडीए के तहसीलदार नजूल हेमचंद्र तिवारी को निर्देश दिये कि पर्याप्त पुलिस बल लेकर स्मारक के आसपास के अतिक्रमण को 14 मई, 2025 को पूर्वाहन 11 बजे तक हर-हाल में हटाया जाए। उन्होंने स्मारक के बगल में खाली प्लाट को संस्कृति विभाग को दिये जाने के लिए निदेशक संस्कृति विशाल सिंह आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि रिक्त भूमि पर संस्कृति निदेशालय एवं अन्य भवनों की स्थापना पर विचार किया जायेगा। मंत्री ने इस अवसर पर डा. भीमराव आम्बेडकर की आदमकद प्रतिमा के नीचे रूद्राक्ष एवं पारिजात के पौधे रोपित किये।
निरीक्षण के दौरान उप्र वित्त विकास निगम के अध्यक्ष डा लालजी प्रसाद निर्मल, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम, विशेष सचिव संस्कृति रवीन्द्र कुमार सूचना एवं संस्कृति निदेशक विशाल सिंह के अलावा कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि अधिकारी उपस्थित रहे।