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कल डीएवी कॉलेज में श्रीमद् भागवत कथा की बहेगी रसधारा 

आचार्य पुण्डरीक गोस्वामी महराज करेंगे ज्ञान की वर्षा 

 

लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में पहली बार श्रीमद भागवत कथा करने के लिए आचार्य पुण्डरीक गोस्वामी का आगमन हो रहा है। यह जानकारी शनिवार को ऐशबाग स्थित डीएवी कॉलेज प्रांगण में प्रेस वार्ता के दौरान आयोजक अमरनाथ मिश्र ने दी। उन्होंने बताया कि श्रीराधारमण सेवा समिति के तत्वाधान में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें राधारमण वृन्दावन के आचार्य परमाराध्य श्री मन्माध्व गौड़ेश्वर वैष्णावाचार्य पुंडरीक गोस्वामी महाराज द्वारा पहली बार कथा वाचक आ रहें हैं। अमरनाथ मिश्र ने कहा कि आये हुए भक्तों को पुण्डरीक महाराज द्वारा मधुर भजनों एवं रसमय कथा प्रसंगों से श्रोताओं को अभिसिंचित करेंगे। जिसमें श्रीमद् भागवत की अनेक अद्भुत कथाएं का श्रवण करने को मिलेंगी। जिसका दिब्य प्रसंगों लीलाओं का आनन्द श्रोता आत्मसात कर सकेंगे । इसके अलावा प्रत्येक दिन अलग-अलग भोग का प्रसाद वितरण किया जायेगा। उन्होंने बताया कि कथा कल 19 जनवरी यानि रविवार से प्रारम्भ होकर 25 जनवरी के दिन शनिवार को समापन होगा। पहले दिन 19 जनवरी को सायं 4 बजे से 7 बजे तक, 20जनवरी से 24 जनवरी तक दोपहर 2बजे से 5 बजे तक एवं 25 जनवरी को प्रातः 10 से 1 बजे तक कथा कही जायेगी। वहीं श्रोताओं के लिए भण्डारे का भी आयोजन किया गया है। वहीं एक हजार भक्तों को बैठने के लिए भव्य पण्डाल लगवाया गया है। साथ ही कथा स्थल के समीप चरण पदुका स्टैण्ड बनवाया गया है। ठंड को देखते हुए चाय की व्यवस्था की गयी है। इसके अलावा कथा व्यवस्था को देखने के लिए 200 स्वयं सेवक भक्त लगाये गये है जो कि मुख्य द्वार से कथा स्थल तक भक्तों को पहुचाने का कार्य करेंगे। जो भक्त आने जाने में असमर्थ होंगे उन्हें कथा स्थल तक लाने ले तथा जाने के लिए ई-रिक्सा की व्यवस्था की गयी है। कथा प्रांगण में सुरक्षा व्यवस्था को देखने के लिए 25 सुरक्षा गार्ड लगाये गये है। दो पहिया एवं 4 पहिया वाहन पार्किग के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गयी है। श्री मिश्र ने बताया कि व्यापक प्रचार प्रसार पूरे शहर में 1 हजार होर्डिग लगायी गयी है। प्रेस वार्ता के दौरान मुख्य रूप से आयोजक राजेन्द्र कुमार अग्रवाल, अमरनाथ मिश्र, लोकेश अग्रवाल, समीर मित्तल, नवीन गुप्ता, शिवम अग्रवाल, आनन्द रस्तोगी, राहुल गुप्ता संयोजक मनमोहन तिवारी, सुनील मिश्र, मनोज राय,अनुराग मिश्र पार्षद सन्दीप शर्मा पार्षद, साकेत शर्मा, चारू मिश्र, अरविन्द तिवारी, कुश मिश्र, ऋतुराज रस्तोगी, सुमित गुप्ता, अमित अग्रवाल, विवेक अग्रवाल मौजूद रहे।

जानें आचार्य पुण्डरीक गोस्वामी के बारे में..

आचार्य पुण्डरीक गोस्वामी के नेतृत्व में अनेक अनोखी पहल हुई हैं।जिसमें उन्होंने भारत के इतिहास में पहली बार भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन उपराष्ट्रपति भवन में किया गया ।यह घटना भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के इतिहास में एक अनूठा अध्याय से जोड़ती है। महाराज युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत और वरिष्ठ वैष्णवों के लिए स्नेहभाजन हैं। वे मानसरोवर विश्वविद्यालयए भोपाल से डॉक्टरेट (डी.लिट) की उपाधि से सम्मानित हैं। उन्होंने कई संस्थानों में भारतीय संस्कृति और धर्म पर शोधार्थियों को प्रेरित किया। इसके साथ उन्होंने अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारतीय सनातन संस्कृति का प्रचार कर चुके हैं। श्रीराम मंदिर, अयोध्या के उद्घाटन के बाद, अयोध्या में आयोजित पहली श्रीमद्भागवत कथा के आयोजक के रूप में भी महाराज का योगदान उल्लेखनीय है।

आचार्य द्वारा सेवाएँ और प्रकल्प..

महाराज द्वारा संचालित अनेक प्रकल्प समाज कल्याण के लिए समर्पित हैं। जिसमें निमाई पाठशाला महाराज की पत्नी रेणुका गोस्वामी द्वारा संचालित यह पाठशाला बच्चों और युवाओं को श्रीराधारमण की ओर प्रेरित करती है। वैजयन्ती वेद पीठ में ब्राह्मण बटुकों को वैदिक शिक्षा प्रदान करने वाला केंद्र,गोपाल क्लब में आधुनिक पीढ़ी को पारंपरिक भारतीय कलाए वेशभूषा और उत्सवों से जोड़ने का प्रयास। आचार्य पुण्डरीक गोस्वामी द्वारा वृन्दावन, अमृतसर, लुधियाना और जालंधर में संचालित आश्रमों और गौशालाओं में भक्ति, गौसेवा और साधुसेवा की परंपरा जीवंत है। आचार्य पुण्डरीक गोस्वामी वैश्विक स्तर पर भारतीय सनातन संस्कृति का प्रसार कर रहे हैं। उनकी ओजस्वी वाणी और साधु-स्वभाव सभी को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। वे न केवल धार्मिक परंपराओं के संवाहक हैं, बल्कि समाज के हर वर्ग के पोषण और उत्थान के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।

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