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अयोध्या लेफ्टिनेंट सैन्य साथी को बचाते हुए दिया सर्वोच्च बलिदान     

भारतीय सेना के अधिकारियों ने शोक संवेदना व्यक्त कर दी श्रद्धांजलि                           

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। भारत माता के सपूत लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी ने साहस और वीरता को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई। लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी ने अपने सैन्य साथी की जान बचाते हुए अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान दिया।

लेफ्टिनेंट तिवारी 22 मई को सिक्किम के बिच्छू से चू जंक्शन तक रूट ओपनिंग टीम का हिस्सा थे। कार्य करते समय लेफ्टिनेंट तिवारी के साथी फिसल गए और बगल की तेज बहती धारा में गिर गए। जहाँ उन्होंने

अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा की परवाह किए बिना लेफ्टिनेंट तिवारी ने धारा में छलांग लगा दी और अपने साथी की जान बचाई। पर लेफ्टिनेंट तिवारी तेज बहती धारा से खुद को बाहर नहीं निकाल पाए और बह गए।

23 मई को उनके पार्थिव शरीर को अयोध्या लाया गया। वहीं 24 मई को भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी और कार्मिक, नागरिक प्रशासन के सदस्य और स्थानीय निवासी एकत्र होकर लेफ्टिनेंट तिवारी की वीरता और बलिदान को श्रद्धांजलि देकर शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। ज्ञात हो कि

भारतीय सेना और सूर्या कमान उस बहादुर अधिकारी द्वारा दिखाए गए साहस और सौहार्द का सम्मान करती है, जो चेटवुड के आदर्श वाक्य “अपने देश की सुरक्षा, सम्मान और कल्याण हमेशा और हर समय सबसे पहले आते हैं। आपके द्वारा कमान किए गए लोगों का सम्मान, कल्याण और आराम उसके बाद आते हैं। आपकी अपनी सहजता, आराम और सुरक्षा हमेशा और हर बार सबसे आखिर में आती है।

23 वर्षीय लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी को 14 दिसंबर 2024 को सिक्किम स्काउट्स की पहली बटालियन में कमीशन प्रभार दिया गया था।

 

 

 

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