उत्तर प्रदेशधर्म-अध्यात्म

 तपस्वी कार्यकर्ताओं से ही बना संघ -दत्तत्रेय होसबाले

रामकुमार के निधन पर श्रद्धांजलि सभा, संघ कार्यवाह ने बताई संघे शक्ति 

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सह क्षेत्र संघचालक रामकुमार की आत्मा की शांति के लिए श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गयी। बीते शुक्रवार को निराला नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर सभागार में संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि रामकुमार के लिये संघ का निर्णय ही सर्वोपरि था। वे संघ के हर कार्य को बड़ी निष्ठा के साथ करते थे। कार्यकर्ता निर्माण करने के लिये उनका जीवन एक आदर्श था। उन्होंने कहा कि जो जन्म लेता है उसे मरना ही होता है मगर जन्म से लेकर मृत्यु तक वह कैसी यात्रा करता है, दूसरों के लिए क्या छोड़कर जाता है यह जानना व समझना बहुत आवश्यक है। यहां बोलने वाले लोगों ने रामकुमार के व्यक्तित्व के विभिन्न अनुभव प्रस्तुत किये। यहां बोलने वाले लोगों को उनके साथ रहने का पर्याप्त अवसर मिला था लेकिन मेरा लखनऊ केन्द्र बनने के बाद उनसे मिलना-जुलना अधिक हुआ। वे एक अत्यधिक अनुशासनप्रिय स्वयंसेवक थे। जब साथी कार्यकर्ता अपने साथ वाले कार्यकर्ता की चिंता करते हैं तो वह सीखने वाला पाठ बन जाता है। रामकुमार जैसे तपस्वी कार्यकर्ताओं से ही संघ बना है। उनके समान कार्यकर्ताओं ने ही संघ को बनाया है। उन्होंने कहा कि देशभर में ऐसे ही श्रेष्ठ कार्यकर्ताओं ने अपनी गृहस्थी चलाते हुये संघ कार्य किया है। संघ में एक गीत गाया जाता है जिसकी पंक्ति है कि दिव्य ध्येय की ओर तपस्वी साधक बन कण-कण गलता है,गीत जैसे साधक बनकर रामकुमार ने अपने जीवन को कण-कण गलाया क्योंकि उन्होंने ऐसा शाश्वत व्रत लिया था। सरकार्यवाह ने कहा कि जब संघ का गणवेश बदला तो हमने देखा कि वह भी बदला हुआ गणवेश पहनकर तैयार हैं। मैंने उन्हें सदैव धोती पहने ही देखा था। ऐसे में मैंने उनसे पूछा कि आपने इतनी आसानी से पैंट स्वीकार कर लिया जबकि कई बड़े कार्यकर्ता पैंट नहीं पहनना चाह रहे थे। ऐसे में रामकुमार ने कहा कि संघ ने कहा है तो करना है। उन्होंने दूसरा स्मरण सुनाते हुये कहा कि बाबा साहेब आप्टे जिन्हें संघ का पहला प्रचारक कहा जाता था वे कभी चाय नहीं पीते थे जबकि गुरूजी बिल्कुल गर्म चाय पीते थे। किसी कार्यकर्ता ने आप्टे से पूछा कि यदि गुरूजी ने चाय पीने के लिये कह दिया तो क्या करेंगे, तब आप्टे ने कहा कि गुरू कहेंगे तो मैं खुशी-खुशी जहर भी पी लूंगा। संघ जो भी कहेगा वह मैं करूंगा। ऐसे ही कार्यकर्ता थे रामकुमार। एक बार वे मुझे अपने पारिवारिक विवाह का निमंत्रण देने के लिये आये। उसी तिथि पर मेरा सुदूर प्रांत में प्रवास लगा था। मैं चाहकर भी नहीं आ सकता था। अतः मैं संकोच में था। मगर मैं कुछ कह नहीं पाया। ऐसे में उन्होंने मेरा संकोच भांप लिया और कहा कि यदि आप प्रवास पर हैं तो निश्चिंत होकर जाएं। संघ कार्य ही सबसे पहले करना है। उन्होंने बताया कि उनके प्रांत और क्षेत्र में जब सरसंघचालक एवं सरकार्यवाह का प्रवास होता था तो रामकुमार पूरी तल्लीनता से प्रवास क्रम तय करते थे। वे संघ को जीवन में जीने वाले एक आदर्श कार्यकर्ता थे। इतने वर्ष संघ कार्य करने के बाद भी मुझे क्या मिलेगा, ऐसा विचार उनके मन में कभी नहीं आया। संघ कार्य यज्ञ में जीवन समिधा देने वाले रामकुमार की यादें हर कार्यकर्ता के लिये प्रेरक मार्गदर्शक एवं ऊर्जा भरने का कार्य करेंगी। भगवान से प्रार्थना करूंगा कि ऐसा अभिभावक सभी को मिलता रहे। श्रद्धांजलि सभा में क्षेत्र प्रचारक अनिल, सह क्षेत्र कार्यवाह अनिल श्रीवास्तव, अवध प्रांत प्रचारक कौशल, काशी प्रांत प्रचारक रमेश, प्रांत संघचालक सरदार स्वर्ण सिंह, प्रांत कार्यवाह प्रशांत शुक्ला, क्षेत्र शारीरिक प्रमुख अखिलेश, क्षेत्र प्रचारक प्रमुख राजेन्द्र, सह प्रांत प्रचारक संजय, प्रांत सम्पर्क प्रमुख गंगा सिंह, मंत्री असीम अरूण, मंत्री दयाशंकर सिंह, ओएसडी सीएम डा श्रवण बघेल एवं संजीव सिंह, एमएलसी अनूप गुप्ता, एमएलसी अवनीश सिंह, महिला आयोग की अध्यक्ष अपर्णा यादव, पूर्व महापौर संयुक्ता भाटिया, कल्याण सिंह कैंसर संस्थान के निदेशक एमएलबी भट्ट, शकुंतला विश्वविद्यालय के कुलपति संजय सिंह, विधायक नीरज बोरा, भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय राय ने पुष्प अर्पित किये।

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