उत्तर प्रदेशधर्म-अध्यात्म

एकजुटता से अमृत तुल्य फल की प्राप्ति संभव – अनंताचार्य 

घण्टेश्वर शनि देव मंदिर पर श्रीमद भागवत कथा का चौथा दिन

 

 लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी के राजाजी पुरम क्षेत्र स्थित घंटेश्वर शनि देव मंदिर सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। रविवार को श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कथावाचक श्रीमजगदगुरू रामानुजाचार्य स्वामी अनंताचार्य महाराज ने देव दानव का बोध कराया।

उन्होंने कहा कि समुद्र मंथन की कथा देवताओं और असुरों के अद्भुत सहयोग का प्रतीक है। अमृत की प्राप्ति के लिए जब मंदराचल पर्वत को मथनी और वासुकी नाग को रस्सी बनाया गया, तब समुद्र से 14 अनमोल रत्न निकले।

जिसमें लक्ष्मी, ऐरावत हाथी, धन्वंतरि और अमृत कलश भी प्रकट हुआ। अनंताचार्य महाराज ने कहा कि यह कथा हमें सिखाती है कि संघर्ष, धैर्य और एकजुटता से ही सफलता और अमृत तुल्य फल की प्राप्ति संभव है।

अयोध्या के राजा दशरथ को संतान न होने की चिंता थी। ऋषि श्रृंग के यज्ञ के फलस्वरूप उन्हें चार पुत्र की प्राप्ति हुई राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न। भगवान श्रीराम का जन्म धर्म की रक्षा, सत्य की स्थापना और आदर्श जीवन की प्रेरणा के लिए हुआ। वे मर्यादा, संयम और करुणा के प्रतीक हैं। उनकी जीवन गाथा आज भी लोकजीवन की प्रेरणा है।

मथुरा में कंस के अत्याचार से पीड़ित पृथ्वी की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण रूप में जन्म लिया। अर्धरात्रि के समय, जेल में जन्म लेकर उन्होंने बाल्यकाल से ही अधर्म का विनाश और धर्म की स्थापना प्रारंभ कर दी। उनकी लीला, उनका बाल्य प्रेम सब पा कर सब धन्य हो गए। मुख्य यजमान नरेंद्र प्रसाद उपाध्याय पत्नी आरती उपाध्याय पुत्र विकास उपाध्याय एवं अभय उपाध्याय (निखिल) ने वेदी पूजन कथा का शुभारंभ किया।

कथा के इस मौके पर मुख्य रूप से मंदिर प्रशासन के प्रबंधक विवेक मिश्रा,सुनील प्रजापति, राघव सिंह, करुणेश पाठक, एडवोकेट महेंद्र मोहन मिश्रा, संतोष एवं अन्य भक्त भक्त उपस्थित रहे।

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